Wednesday, 7 July 2021

Toxic Relationship

 

Toxic Relationship


अगर आपने marriage issue वाली पोस्ट पढ़ी हैं तो मैंने उसमे टॉक्सिक रिलेशनशिप  के बारे में जिकर किया हैं। कुछ लोगों ने मेरे से पूछा की टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या हैं। तो सोचा चलो आज इसी पर बात की जाए।
आखिर टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या हैं।
क्या आप जानते हैं?
आज इसी टॉपिक पर बात करते हैं।
टॉक्सिक रिलेशनशिप ....वो रिलेशनशिप हैं जिससे आजकल के लड़के-लड़कियाँ या आपकी मैरेज लाइफ सफर कर रही हैं।
नहीं समझे ना... कोई नहीं।
वो रिलेशनशिप जिसमें पर्टनर एक दूसरे के साथ तो रहते हैं पर उस साथ का कोई मायने नहीं होता।
आप रहे तो रहे हैं, पर उस रिलेशनशिप का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अब उस रिलेशनशिप में वो प्यार-अपनापन नहीं है जिस प्यार के लिए आप खुद से अपने दोस्तों से अपने परिवार से लड़ चुके हों।
 टॉक्सिक रिलेशनशिप की सबसे बड़ी कमी यही है कि आपका पार्टनर आपके मान-सम्मान की कोई फिक्र नहीं करता। आपका प्लान, आपका वक्त उनके लिए कुछ मायने नहीं रखता। यही नहीं, ऐसे लोग दूसरों के सामने भी अपने पार्टनर के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। हाँ, एक बात और ऐसा नहीं हैं की टॉक्सिक रिलेशनशिप केवल उन लड़के-लड़कियों में देखा जाता हैं जो साथ में रहते हैं, रिलेशनशिप में हैं नहीं ये marriage issue का ही एक कारण हैं। जो में पहले भी बता चुकि हूँ।
क्या आप टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं :
बहुत सी बातें होतीं हैं, जिनसे ये जान सकते हैं की क्या हम टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं या नहीं

1).....रिलेशनशिप का ठीक से ना चल पाना आर्थिक स्थिति हैं। सभी को अपने पार्टनर से बहुत सारी उमीदें होतीं हैं। पार्टनर का स्टेट्स अच्छा हों आदि, मैरेज, दोस्ती या रिलेशनशिप, सब फाइनेंशियल  स्टेट्स पर निर्भर करता हैं। यही marriage issues का भी एक कारण हैं। फाइनेंशियल  स्टेट्स को लेकर मैंन बहुत से रिलेशनशिप टूटते देखें हैं।

2).....जब आपके पार्टनर से आपको मान सम्मान नहीं मिलता। आपका पार्टनर आपको टाइम नहीं देता। बात बात पर आपकी इंसल्ट कर रहा हैं। आपके दोस्तों के साथ भी उसका व्यवहार अच्छा नहीं रहता। टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे को गिल्टी फील कराने का कोई मौका नहीं छोड़तें।  बात बात पर आपकी उपेक्षा करना सब के सामने आपकी मजाक उड़ना ऐसी बातें रिलेशनशिप में बुरा असर डालती हैं।

3).....ऐसे रिलेशनशिप में पार्टनर कुछ भी आपस की बातें शेयर करना बंद कर देते हैं और एक-दुसरे को इग्नोर करना शुरू कर देते है। जो अच्छे रिलेशनशिप के लिए अच्छी बात नहीं ऐसी बातें रिलेशनशिप पर बुरा असर डालती हैं।

4)......पर्सोनालिटी को लेकर भी बहुत से रिलेशनशिप टूटते हैं। जैसे आपका पार्टनर बहुत अच्छा, गुड-लूकिंग हैं, लेकिन आपके किसी दोस्त के पार्टनर से अच्छा और गुड-लूकिंग नहीं हैं। ये भी रिलेशनशिप टूटने का एक कारण हैं।

5)......देखा जाता हैं, की पार्टनर एक दूसरे पर बात-बात पर रोक टोक करते हैं। यही कारण हैं रिलेशनशिप में लडाई झगड़े का, वो लोग एक दूसरे पर अपना अधिकार रखना चाहते हैं, ऐसे रिलेशनशिप में पर्टनर एक दूसरे को किसी भी तरह की आजादी नहीं देना चाहते हैं जो गलत हैं।

6).....हर कोई अपने रिलेशनशिप को स्ट्रांग बनाना चाहता है। जिस रिलेशनशिप में लव, ट्रस्ट एंड फेथ हो। अगर आपके  पार्टनर और आपके बीच में लव, ट्रस्ट एंड फेथ जैसा कोई भी रिलेशन ना हो तो समझ जाए आप टॉक्सिक रिलेशनशिप में है।

7).....पार्टनर के साथ ख़ुशी न मिलना भी एक बड़ा लक्षण है। हम रिश्ते क्यों बनाते हैं? ताकि एक-दूसरे के सुख-दुःख में साथ दे सके, एक-दूसरे के साथ सेफ फील कर सकें। पर जब ऐसा कुछ न रह जाए, तो रिश्ते के टूटने की शुरूआत हो जाती हैं। 

8).....टॉक्सिक रिलेशनशिप में दोनों पर्टनर के बीच शक का बीज इतना ज्यादा हो जाता हैं की पार्टनर् एक दूसरे के फोन, मेसेज, कॉल्स चेक करने लगते हैं, और अगर कोई व्यक्ति आपके पर्टनर के बारे में कुछ बोलता हैं तो आप उस व्यक्ति पर भरोसा करते हैं जो आपके लिए अंजान हैं। रिलेशनशिप में शक होना गलत हैं । शक रिलेशनशिप को कमजोर बनता हैं।


       टॉक्सिक रिलेशनशिप में दोनो पर्टनर एक-दूसरे के लिए अजनवी हो जाते है, प्यार अपनापन नहीं होता आपका पर्टनर आपको टाइम नहीं दे रहा हैं
आपकी फीलिंग्स आपकी रिस्पेक्ट उससे उसको कोई मतलब नहीं होता। तो क्यों और किस लिए आप ऐसे रिलेशनशिप में हैं। घुट-घुट कर जीना कोई जीना नहीं होता। छोड़ दीजिये ऐसी रिलेशनशिप जिस रिलेशनशिप का कोई फ्यूचर ना हो ।

कुछ सुझाव देना चाहती हूँ :

.....कोशिश करें, अगर कोशिश करने से आपकी रिलेशनशिप टूटने से बच सकती हैं तो कोशिश करें। 

......अच्छे रिलेशनशिप में शक जैसा कोई शब्द नहीं होना चाहिए। 

......एक दूसरे को थोड़ा टाइम दें। टाइम देने से प्यार मजबूत होता हैं। 

......कोई भी रिलेशनशिप प्यार, ट्रस्ट और फेथ से मजबूत होता हैं ना की मेहेंगे मेहेंगे गिफ्ट से। तो अपने रिलेशनशिप को फाइनेंशियल स्टेट्स से ना जोड़े। 

......रिलेशनशिप को एक-दूसरे का अधिकार ना समझें। 

......एक-दूसरे को हर तरह से खुश रखे। 

......एक दूसरे की प्रॉब्लम में एक दूसरे का साथ दें। 

......रिलेशनशिप में किसी भी तरह की गलत फ़ेमि ना आने दें। रिलेशनशिप को स्ट्रांग बनाए। बैठ कर बातों को सॉल्व करें। लड़ाई झगड़े से बात बिगड़ती हैं,संभलती नहीं हैं। 

......अपने और अपने पर्टनर को समझें, अपनी रिलेशनशिप पर ध्यान दें। 

मिलती हूँ जल्दी नेक्स्ट ब्लॉग में तब तक के लिए
अपना और अपनो का ध्यान रखे....

(Take Care & Stay Safe)







Friday, 2 July 2021

Marriage Issue💔

Marriage Issue💔

आपके हिसाब से marriage issue के किया कारण है। लड़का-लड़की या इनके घर वाले। आज इसी पर चर्चा करेंगे।
सबकी मैरिज लाइफ मे कुछ ना कुछ प्रॉब्लम आती हीं हैं। कभी काम को लेकर, कभी फैमिली मेंबर्स को लेकर या कभी आर्थिक तंगी के कारण, आपस में किसी के विचार ना मिलना, छोटी छोटी बातो में नोक-झोंक होना, दहेज प्रथा आदि बहुत से कारण है जिससे मैरिज लाइफ में प्रोबलम आती है।

आपका क्या मानना है?

.........मैं अपने भाई के लिए लड़की देख रही हूँ, वहा ज़दातार तलाकशुदा लड़के-लड़कियों के बायो-डाटा हैं। 

 मैंने बहुत सोचा की किसकी गलती से नौबत तलाक तक आ जाती हैं।


क्या सात फेरो का बंधन मात्र एक काग़ज़ के टुकड़े पर  साइन करने से खत्म हो जाता हैं?

नहीं, कभी नहीं। अगर आप लोगों के हिसाब से हाँ खत्म हो जाता हैं, तो में उन तलाकशुदा लड़के लड़कियों से पूछती हूँ की जब आप अपनी एक शादी ठीक तरह से नहीं निभा पाएँ, तो दूसरी कैसे निभा पाओंगे।

लड़की वाले बोलते हैं, लड़के और उसके घर वालों की गलती हैं, लड़के वाले बोलते हैं, लड़की और उसके घर वालों की गलती हैं। आखिर गलती किसकी और कहा है।
एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती गलती दोनों तरफ से होतीं हैं।
दूसरी बात अपनी शादीशुदा लाइफ को टाइम दें । प्रॉब्लम हर जगह आती हैं। समाज में रह रहे हों वहा प्रॉब्लम आयगी तो क्या समाज में रहना बंद कर दोगें, जहा काम करते तो वहा प्रॉब्लम आयगी तो क्या काम करना बंद कर दोगें।
प्रॉब्लम से लड़ना सिखों, भागना नहीं।
अपनी शादीशुदा लाइफ को टाइम दो प्रॉब्लम आने पर खत्म मत करो।
अब टाइम बहुत चेंज हों गया हैं, पहले जैसा नहीं रहा
की बहू को मार-पिट रहे हैं आदि। पहले टाइम में ये सब होता था, लड़की को मार रहे हैं, पिट रहे हैं
लड़की पर अत्याचार हो रहे हैं। तब ससुराल वालों की गलती हुआ करती थी। उस टाइम लड़की को परिवार चाहिए होता था, वो जो उसको प्यार करे और ससुराल वालों को एक बिना पैसों की नौकरानी चाहिए होतीं थी।
पर अब ऐसा नहीं हैं, समय बदल रहा लोग बदल रहे हैं। लोगों की सोच बदल रही हैं,लड़कें और लड़कियों में कोई भेद भाव नहीं है, सब एक समान हैं। फिर भी आज के समय में भी तलाक जैसा शब्द सुनकर मन को बहुत दुख होता है। और इन सबका असर  बच्चों पर पड़ता हैं। आप लोगों के छोटे मोटे झगड़ों से बच्चो की ग्रोथ रुक जाती हैं। अपने लिए नहीं अपने बच्चों के लिए सोचें।


कुछ कारणों की वजह से ऐसा देखने को मिलता है :

1) कुछ लड़कियाँ परिवार के साथ रहना पसंद नहीं करती।
2) गलत आचार-व्यवहार
3) सेक्स प्रॉब्लम
4) टॉक्सिक रिलेशनशिप

• Must Read : toxic-relationship

5) पर्सोनालिटी प्रॉब्लम
6) Ego and Attitiute
7) दहेज प्रथा
8) आर्थिक स्थिति
9)आजकल लड़कियों को घर के कामों का शौक नहीं होता।
10) लड़कें-लड़कियों का शादी के बाद भी किसी दूसरे के साथ संबंध होना।
11) बात बात पर लड़ाई-झगड़ा होना नोक-झोंक होना।
बहुत से कई कारणों से हम शादी जैसे पवित्र बंधन को टूटता देखते हैं।
कहीं कहीं में देखती हूँ की परिवार की छोटी छोटी बातें घर के बाहर जाती हैं, सास बहू के बारे में , बहू सास के बारे में ये गलत हैं।
अगर आपको किसी की कोई बात बुरी लगती हैं, तो साथ में बैठ कर बातों को सुलझाये ।  समाज और रिश्तेंदारों को बताकर अपनी और परिवार की खिल्ली ना उड़ाए।
वो काम ना करें जो एक दूसरे को पसंद ना हो
इन बातों पर थोड़ा गोर करे, और अपनी मैरेज लाइफ में थोड़ा चेंज लाएं। लाइफ कितनी अच्छी लगने लागेंगी, आपको खुद अनुभव होगा। तलाक जैसा शब्द समाज से तो क्या दुनिया से खत्म हो जाएगा।


  कुछ सुझाव देना चाहती हूँ :

1) अपनों से बड़ों का आदर करें और अपने छोटो को प्यार दें।
2) शादी को समझौता ना समझें
3) बातों को आपस में बैठ कर सुलझाये
4) थोड़ा सहनशील बने
5) चुप रहे, अगर चुप रहने से आपकी मैरेज लाइफ बच सकती हैं, तो चुप रहे।
6) अपने पर्टनर पर ट्रस्ट करें।
7) अपनी मैरेज लाइफ में होनेस्टी लाएं।
8) अपनी पत्नी या पति की बराबरी किसी अन्य से ना करें।
9) छोटी छोटी बातों पर स्ट्रेस ना लें।

10) अपना थोड़ा टाइम फैमिली को दें।

11) घर में अगर दो बहू हैं, तो दोनों को बराबरी का मान दें।
12) एक बात और खास कर लड़कियों के लिए अपने पर्टनर को बात-बात पर फोर्स ना करें, की वो आपकी हमेशा साइड लें

13) दूसरों की लाइफ में दखल न दें। मैंने बहुत सी लड़कियों को देखा है, उनको अपनी शादी शुदा लाइफ से कोई मतलब नहीं होता। उन लड़कियों को दूसरों की लाइफ में दखल देना बहुत पसंद होता हैं ये गलत हैं। 


अब में इस लेख को यही विराम देती हूँ 🙏
 
मेरी किसी बात से या मेरे किसी शब्दों से आपको ठेस   पहोची हों बुरा लगा तो दिल से माफी चाहती हूँ। माफ़ कीजियेगा। मेरा आपका दिल दुखाना नहीं था।

बस इतना कहना चाहती हूँ की शादी जैसे पवित्र बंधन को समय दे। इतनी जल्दी कोई भी फेसला ना ले। एक पेड़ को भी समय लगता हैं फल-फूल देनें में। 

 मेरा मानना हैं, की लाइफ में थोड़ी बहुत नोक-झोंक होतीं रहनी चाहिए। यही नोक-झोंक रिश्तें में काले टिके का काम करती हैं। इस प्यार भरे रिश्तें में एक काले टिके का होना बहुत जरूरी हैं।

एक बार सोचियागा जरूर।

🙏राधे-राधे🙏

Tuesday, 29 June 2021

HOUSE-QUEEN👸🏻

HOUSE-QUEEN👸🏻


घर की गृहणी, घर की पर्सनल डॉक्टर, बच्चो की टीचर, घर की अन्नपूर्णा कुछ भी कहे कम है।


चले शुरू से शुरुआत करते है।
जब एक लड़की का जन्म होता, तो उसके माता-पिता अच्छे से उसका पालन-पोषण करते है, पढ़ाते-लिखाते हैं, और एक दिन उसकी शादी कर देते हैं। शादी के बाद लड़की और ससुराल पर निर्भर करता है कि वो हॉउस-वाइफ बने या वर्किंग-लेडी बने। यही प्रक्रिया चलती रहती है। 

तो आज हम बात करेंगे हाउस-वाइफ जो घर की क्वीन होती हैं इसलिए हाउस–क्वीन कहा जाता हैं।  मैं भी एक हाउस-वाइफ हूँ अपने घर की क्वीन👸 हाउस–क्वीन👸 जैसे आप सभी हैं। 

चिंता मत कीजिये, मैं अपने बारे में नही सभी हाउस-वाइफ के बारे में बात कर रही हूँ।

ये घर की वो सदस्य होती हैं, जो सुबह सबके जगने से पहले जग जातीं हैं, और रात को सबके सोने के बाद सोती है। कभी छुट्टी नही लेती, क्योंकि घर और घर के सभी सदस्ये इन्ही पर निर्भर होते हैं। अगर ये एक भी दिन की छुट्टी लेले तो घर अस्त-व्यस्त हो जाए। ये अपनी ड्यूटी पर हमेशा रेडी रहती हैं।

बच्चो को पढाते हुए उनकी टीचर, रसोई में काम करते हुए अन्नपूर्णा, बीमारी में सबकी डॉक्टर ये हमेशा अपनी ड्यूटी पर फुल टाइम के लिए रहती हैं। इतने सारे गुण आप एक स्त्री में ही देख सकते है।
वर्किंग-लेडी की बात करे तो वो भी हाउस-वाइफ  ही है, अब आप सोच रहे होंगे। 

कैसे ? 

  अपने वर्किंग-टाइम के बाद घर आकर हाउस हाउस-वाइफ ही बन जाती है। किसको क्या पसंद हैं सब जानती हैं। कोरोना जैसे विकट समय में कितने वर्किंग-लेडी डॉक्टरस ने अपनी पूरी जिम्मेदारी से अपने दोनों फर्ज़ निभाए हैं। हमेशा निभाती आई हैं, पर ऐसे समय में चाहती तो घर बैठ सकती थी पर नहीं अपने फर्ज से हटी नहीं। अपने डॉक्टर होने का और घर आकर एक माँ, बहु, बीवी दोनों फर्ज बखूबी निभाए हैं, और निभाती आई हैं।

मुझे आज भी कुछ जगह देखने को मिलता हैं, की पुरुष अपनी पत्नी का परिचये ये कह कर देते है की ये कुछ नही करती

 तो जनाब एक बात बता दे, ये कुछ ना करने वाली ही बहुत कुछ करती हैं और सब कुछ इन्ही से हैं, ये एक दिन की भी छुट्टी लेले तो घर अस्त-व्यस्त हो जाए। पर गलती पुरुषो की नही हैं, कुछ महिलाओं की भी हैं, उनको अपने परिचये में हाउस-वाइफ बोलने में शर्म आती हैं।

   शर्म किस बात कि, शान से बोलिये हाँ में हाउस-वाइफ हूँ। 

क्या एक हाउस-वाइफ की पहचान बस हाउस-वाइफ तक ही सीमित है  ?
आइये कुछ हाउस-वाइफ के बारे में बात करते हैं :

मेरी मम्मी(नलिनी अग्रवाल)

शुरू से ही वर्किंग-लेडी रही हैं, अब उनका रिटायरमेंट हो गया है। पर उनका टाइम शेडुएल चेंज नही हुआ। वो रोज सुबह पांच बजे (5 o' clock) उठ जातीं हैं। कभी मेड नही लगाई। सारे काम खुद ही करती हैं, और यही आदत हम दोनो भाई-बहन को डलवा रखी हैं।
घर में कोई फंक्शन या कोई भी कार्य हो सारे काम खुद ही करती हैं सबका खाना भी खुद बनाती हैं, उनके हाथो में अन्नपूर्णा का वास हैं। थकान जैसा शब्द उनकी डिक्शनरी में कहीं नहीं हैं। इस एज में आकर भी इतना एक्टिव रहना। "आई एम प्राउड ऑफ यू मम्मी" मम्मी के लिए लिखू तो पूरी किताब लिखी जा सकती हैं।

 
आइये अब दूसरी हाउस-वाइफ मेरी लैंडलैडी

(रजनी शर्मा) की करते हैं।

इनको में भाभी बोलती हूँ, ये मेरी मम्मी की कार्बन-कॉपी हैं। शक्ल वाली कार्बन-कॉपी नही। घर के कामों में कार्बन-कॉपी। मम्मी के बाद इतनी महंती महिला मैने यही देखी हैं, महिलाएं तो बहुत देखी हैं, इतनी मेहंती बहुत कम ही देखी हैं । रजीनि भाभी के चेहरे पर भी मैने कभी थकान नहीं देखी, में बता नहीं सकती वो कितने लोगों का खाना अकेले बना लेती हैं, और खाना आपके रेस्ट्रोडेंट-होटल सब फेल हैं। जितनी तारीफ करो कम हैं।

 
आईये अब बात करते हैं मेरी पड़ोस में रहने वाली मेरी हम 

उम्र (दीपिका गोयल) की।

अब की जनरेशन में ऐसी हाउस-वाइफ बहुत कम देखने को मिलती हैं। बहुत मेहंती हैं इनके चेहरे पर भी कभी थकान नहीं देखी। घर के हर काम में निपूर्ण। सबका ध्यान कैसे रखना जाता हैं कोई इनसे सीखे । सुबह कब उठती हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन
अगर आपको एक बात बताये तो आप विश्वास नही करोगें, इनके छुटके महाराज
(बेबी मनन) छ बजे (6o'clock) उठकर नहा धोकर पूजा कर लेता हैं। मात्र चार साल का हैं। बोला था ना, विश्वास नहीं होगा।

 
अब बात करते हैं मेरी ही परिचित.... 

मेरी छोटी ननंद की सास (सरिता जैस्वाल जी) की

बहुत हंसमुख स्वभाव की हैं। चहरे पर किसी भी तरह की कोई शिकन नहीं। बहुत सॉफ्ट नैचर हैं।
घर के हर काम में निपुण। किसी अन्नपूर्णा से कम नहीं हैं हर तरह से एक पर्फेक्ट हाउस-वाइफ। 

ये तो मेरे से संबंधित कुछ हाउस-वाइफ के बारे में छोटा सा एक परिचय था। छोटा सा ब्लॉग हैं, सबके बारे में नहीं लिख सकती हूं।

हमारी लाइफ में बहुत सी महिलाएं ऐसी होतीं हैं, जिन्हें देख कर हमें प्रेरणना लेंनी चाहिए।

 
आप किसको पर्फेक्ट हाउस-वाइफ कह सकते हैं
बताइयेगा जरूर आपकी लाइफ में कौन-सी महिला पर्फेक्ट हाउस-वाइफ हैं।

Take Care And Stay Safe.


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Thursday, 24 June 2021

"LifeStyle With Junk Food & Elecronic Device"

 "Lifestyle With Junk Food & Electronic Device"


हम अपनी लाइफ मे इतने व्यस्थ हो गए है की, gadgit के पीछे भाग रहे है, मशीनरी लाइफ बन गई है।

बिना इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के कोई काम नही होता

*****मनोरंजन के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Mobile, Computer, video games etc) 

आज के टाइम मे हम लोग फैमिली 👨‍👩‍👧‍👦 के साथ दोस्तो के साथ टाइम स्पेंड नही करना चाहते है। 

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों......जैसे: मोबाइल, कंप्यूटर वीडियो गेम आदि इनका उपयोग करते करते इतना खो गए है की हमने अपने फैमिली मेंबर्स, फ्रेंड्स इन सबसे मतलब ही खो दिया है। 

इनका प्रयोग ही हमारी लाइफ का एक जरूरी हिस्सा बन गया है।  आज लोगो को,छोटे-छोटे बच्चो को गंभीर बिमारियाँ हो रही है, क्यों की लाइफ स्टाइल ही ऐसा हो गया है। हमारे लाइफ स्टाइल में कोई भी एक्विटी ऐसी नही है जिससे लाइफ स्टाइल हेल्थि रहे। 

   अगर हम अपनी मम्मी-पापा, दादी-बाबा, नाना-नानी....उस टाइम के लोगो की पीढ़ियों को देखे तो उनका लाइफ स्टाइल अब के लाइफ स्टाइल से बहुत अच्छा और हेल्थि लाइफ स्टाइल रहा है। 

   उस समय के लोगो को किसी हेलप्पेर की जरूरत नही होती थी। उस टाइम में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का नाम भी नही था। वो लोग अपना काम खुद ही करते थे।

   घर की गृहणी रसोई का काम, घर की साफ सफाई, पैदल बाजार आना जाना, कही भी आना जाना हो पैदल ही आते जाते थे, आदि सब काम स्वयं ही करती थी ।  उस टाइम के लोगो को किसी योगा की जरूरत नही रहती थी, ऐसा नहीं है, करते थे योगा पर अपने शरीर को घर के कामो मे ही इतना व्यस्थ रखते थे, की उनको किसी योगा की जरूरत नही पड़ती थी।उनका शरीर एक्टिव रहता था इसलिए इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग💪 रहता था। 

    घर का बना शुद्ध खाना खाते थे, और सबको वही खिलाते थे। उस टाइम होटल, रेस्ट्रोडेंट नही थे, जंक फूड का भी कोई नाम नही था। इसलिए हेल्थि लाइफ स्टाइल था। 

  हम दूर क्यो जा रहे है, घर मे जो मेड आती है आप उसको देख सकते है। घर घर जाकर काम करती है। 

  अपने शरीर को एक्टिव रख रखा है। घर का बना खाना खाती है , हेल्थि फूड। उनका लाइफ स्टाइल हेल्थि लाइफ स्टाइल है। 

  पहले के लोगो की इम्यूनिटी बहुत स्ट्रांग थी। बीमारिया ना के बराबर होती थी। 

Death age..... 90+++++

  अब के लोगो की इम्यूनिटी इतनी कमजोर है, बल्कि उन्होंने बना रखी है,अपने लाइफ स्टाइल से....

   Death Age....60-70

   आजकल लाइफ इतनी व्यस्थ हो गयी है,या कह लीजिये हम लोगो ने बना रखी है.....सभी को हेल्प्पेर की जरूरत होती है। 

  रसोई के काम के लिए.... Maid

 घर की साफ सफाई के लिए....Maid/Electronic devices(Washing Machine, Vaccum Cleaner etccc)......घर के काम आजकल लोगों की हॉबी मे नही आते और बच्चे भी ऐसी ही आदत का शिकार हो रहे है। 

 आजकल लोगो की हॉबी  मे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, या कह लीजिय (good lifestyle/culture) 

जिसके पास जितना अच्छा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण(device) उसका लाइफ स्टाइल उतना ही अच्छा है। 

....योगा🧘‍♀️के नाम पर....Gym

....फूड🍲के नाम पर....Junk Food🥙🍟🍔🌭🥪🍕🍝🍜🌮

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ - साथ जंक फूड भी लाइफ का एक हिस्सा बन गए है। 

.........मैं जहाँ रहती हूँ वहा एक शॉप है, वही पड़ोस (Neighbour) मे दो बच्चे है। मुझे नही लगता कि वो बच्चे घर का खाना भी खाते होंगे। अपनी हेल्थ के साथ खुद ही खिलवाड कर रहे है, या कहे लीजिये माता- पिता की छूट मम्मी लोग अपना ज्यादा समय  मोबाइल जैसे उपकरणों के साथ बीता रही है। 

हेल्थी फूड बनाने का खिलाने का और खाने का समय ही उनके पास नही है। 

आजकल के बच्चे जंक फूड की तरफ भाग रहे है। 

आप जंक फूड खाये टेस्ट के लिए खाये, मोबाइल जैसे उपकरणों का उपयोग मनोरंजन के लिए करे, 

 खाली समय मे फैमिली, 👨‍👩‍👧‍👦 फ्रेंड्स के साथ स्पेंड करे। 

वर्किंग वालो का समझ में आता है, लेकिन अगर वो चाहे तो कुछ बातों को अवॉयड करके अपनी लाइफ स्टाइल को हेल्थि बना सकते है। 

अगर हमे अपनी इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग करना है, और लाइफ स्टाइल हेल्थि रखना है  तो लाइफ में थोड़ा चेंज होने जरूरी है..... 

How to change life style....

***लिफ्ट का प्रयोग ना करे। 

***छोटे छोटे कामो के लिए हेल्प ना ले (बच्चो मे भी यही आदत डालें) 

***रोज सुबहा - शाम पैदल चले। 

***ताजी हवा ले

***इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (Device), वाशिंग मशीन, वाकम् क्लीनर, आदि जैसे उपकरण का प्रयोग कम करे। 

***जंक फूड को अवॉयड करे🍔🌭🍟🍕🍝🍜🌮

***घर का बना हेल्थि खाना खाये

***योग करे 🧘‍♀️

• Must Read : Health and fitness for busy people

***कोई एक खेल 🎮चुने  और प्रतिदिन खेले

(घर मे बैठ कर मोबाइल या कंप्यूटर के साथ नही

अपनी फैमिली या किसी फ्रेंड्स के साथ खेले) 

Like...Bedmintion 🏸🏸🏸


🏸Bedmintion is good for health.....U Know.....एक घण्टा बैडमिंटन खेलने से 450-480 कैलोरी बर्न होती है। 

  (जिस भी खेल में रुचि हो वो खेले)  


***जिस भी काम मे आपका मन लगता है वो काम करे जैसे...गर्डनिंग । 

लाइफ स्टाइल को हेल्थि बनाये। शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है। 

"स्वस्थ रहे शरीर तो संभव है हर काम, 

"स्वास्थ्य अगर साथ हो तो तय करे मुकाम"।।






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Monday, 21 June 2021

Health and fitness for busy people

Health and fitness for busy people

  🧘‍On International Yoga🧘‍♀️Day, my theme is health and fitness for busy people... 
The idea of an International Day of Yoga was first proposed by the current Prime Minister of India, Narendra Modi. He stated: Yoga is an invaluable gift of India's ancient tradition.
🧘‍♀️🧘‍♀️🧘‍♀️🧘‍♀️🧘‍♀️🧘‍♀️🧘‍♀️
Physical activity, exercise, or yoga🧘‍♀️can improve your health and reduce the risk of developing several diseases like type 2 diabetes, cancer, and cardiovascular disease. Physical activity, exercise, and yoga🧘‍♀️ can have immediate and long-term health benefits. Most importantly, regular activity can improve your quality of life.


Health benefits of daily yoga :

  • Yoga improves flexibility
  • Yoga helps with stress relief
  • Yoga improves mental health
  • Yoga may reduce inflammation
  • Yoga will likely increase your strength
  • Yoga may reduce anxiety
  • Yoga may improve quality of life
  • Yoga may improve bone health
How to improve your Health :

**Regular Check-ups: One should get an annual physical check-up to make sure everything is as it should be. 👩‍🔬
*Get enough sleep: 😴😴😴 
*Exercise Physical activity and Yoga🧘‍♀️
*Eat healthy food: 🥗 
*Do not skip breakfast: 🍱 
*Drink plenty of water:🥤
*Do not take stress:😖🤕💆

Thanks to you Our Prime Minister Narendra Modi Ji 😊🙏
Happy International Yog Day🧘‍♀️





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Sunday, 20 June 2021

Mere Papa💕💕

Mere papa......Rajesh Agarwal
He had worked in W. H. O. He passed away in December😢 I missed them so much. His nature was vry soft.
I try to fulfill my father's dreams nd i m preparing for government exam.😊
2 lines for my paa😊I

 miss u papa....Miss u sooo much😢😢

नसीब वाले हैं जिनके सिर पर पिता का हाथ होता है... दुनिया की भीड़ में सबसे करीबी होते है, पापा मेरे खुदा मेरी तकदीर मेरे पापा... मेरे साया बन के चले, मेरे पापा…मेरे लिए किस्मत से भी लड़े मेरे पापा कोई दुःख आ ना सके, कोई धुप मुझे मुरझा ना सके, मेरे साया बन के चले, मेरे पापा
हू मैं अपने पापा की बेटी,  मेरे पापा जैसा कोई नही
मेरे पापा जैसा कोई नहीं

Happy Father's Day papa💕🎂💕

Saturday, 19 June 2021

मेरी कलम से📝


मैं वो पत्ता नही हूँ, जो किसी हवा के आते ही बिखर जाए। 
मैं कोई कागज का टुकडा नही, जो आग से जल जाए। 
मैं रेत मैं पडा कोई तिनका नही,जो हवा उड़ाकर ले जाए। 
मैं आकाश में उड़ता वो आजाद पंछी हूँ, 
जिसे किसी पिंजरे का डर नही। 
मैं पेड़ के हजारो पत्तो मे वो पत्ता हूँ,जो किसी आंधी- तूफ़ान के आगे झुकता नही। 
मैं सफलता ना मिलने पर हार मानने वालो मैं से नही हूँ
मैं कोशिश करने वालो मे से हूँ, जो हार नही मानते। 

"कहते है, कि सफलता कोशिश करने वालो को ही मिलती है। "
सही कहा है...."कोशिश करने वालो की हार नही होती"! 
❤🌹❤🙏🌹❤🙏🌹❤🙏🌹❤🌹❤
 


एक आम