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Monday, 27 September 2021

नारी शिक्षा का महत्व

  नारी शिक्षा का महत्व


आज की नारी घर की चार दिवारी में रहना पसंद नही करती। बाहर निकालकर कुछ करना चाहती हैं। अपनी पहचान बनाना चाहती हैं । और सही ही हैं आज नारी ने अपनी मेहनत और लगन से सबको पीछे छोड़ दिया हैं।
चुनोतियों का हँसकर सामना करने वाली आज की ये नारी पुरुषों से आगे हैं। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही हैं। पहले जैसे सोच अब नहीं हैं की लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था, उनको बोज समझा जाता था, उनको बस घर में और घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता था। अब बात वो नही हैं लोगों की सोच के साथ लोग भी बदल रहें हैं।
अब लड़की पैदा होनें पर लड़की को बोझ नहीं लक्ष्मी बोला जाता हैं। अब लड़की के पैदा होने पर भी हर घर में थालियाँ बजती हैं, मिठाईयाँ बाटी जाती हैं। अब लड़की की शादी और चूल्हा चौक नहीं उसकी पढ़ाई के बारे में सोचा जाता हैं।

एक लड़की के लिए शादी नहीं उसका शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
आज भी कई  क्षेत्र  में महिलायों को शिक्षा से वंचित रखा जाता हैं,  अशिक्षित महिलाएं सिर्फ एक जिंदा लाश की तरह होती हैं। जिन्हें बस बच्चा पैदा करने की मशीन समझा जाता हैं और चूल्हा चौका तक ही रखा जाता हैं।
जबकि आज की नारी चाँद पर पहुँच चुकी हैं । पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही हैं।  इसमें सबसे बड़ा रोल एजुकेशन का हैं। 

नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं। आइए उसपर चर्चा करते हैं।
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नारी के लिए शिक्षा का महत्व
नारी को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं। जैसे वोट देना सबका मूल अधिकार हैं वैसे ही हर नारी का शिक्षित होना नारी का मूल अधिकार हैं।
देश के अच्छे विकास के लिए नारी का ही नहीं सभी का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
देश की प्रगति, उन्नति, विकास और प्रगतिशील के लिए नारी का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक हैं।
शिक्षित होने से बच्चों का ठीक से पालन पोषण कर सकती हैं। परिवार को चलाने में अपने पति का हाथ बटा सकती हैं।

 


रूरल एरिया में अभी भी शिक्षा का अभाव हैं। वहाँ महिलाएं तो अशिक्षित हैं ही पुरुष भी ना के बराबर शिक्षित मिलेंगे। इसलिए आज तक रूरल एरिया का विकास नहीं हो पाया। आप खुद देख सकते हैं रूरल एरिया में मृत्यु दर भड़ता जा रहा है क्योंकि आए दिन कोई ना कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हों जाता हैं।
परिवार को ठीक तरह से चलाना, बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करना एक शिक्षित महिला या एक शिक्षित माता कर सकती हैं। वैसे तो परिवार तथा बच्चों के पालन पोषण के लिए स्त्री और पुरुष दोनों का शिक्षित होना जरूरी हैं। पर हम यहाँ स्त्री शिक्षा की बात कर रहें हैं। आज के समय में हर नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं।

महिलायों के लिए शिक्षा के लाभ

शिक्षा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं।
पर यहाँ हम बात महिलायों की शिक्षा का कर रहें हैं।
हर महिला का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
शिक्षित महिलाएँ हर  क्षेत्र  में अपना योगदान दे सकतीं हैं।
शिक्षित महिला कमा सकती है और अपने परिवार की आय में योगदान कर सकती है। बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से कर करती हैं तथा बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं घरेलू हिंसा से स्वयं को बचा सकतीं हैं।


पर अभी भी महिलायों की शिक्षा में बहुत सी रुकावटें आती हैं आइये उनपर पर चर्चा करते हैं.....
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महिलायों की शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक.......

****  लिंग भेद भाव
**** आर्थिक स्थिति
**** पितृसत्तात्मक समाज
**** सामाजिक सोच
**** सुरक्षा का अभाव
****स्वास्थ्य और स्वच्छता

सरकार द्वारा महिलायों की शिक्षा के लिए कुछ प्रोग्राम चलाए गए हैं.... जो इस प्रकार हैं।

सर्व शिक्षा अभियान

इंदिरा महिला योजना

बालिका समृद्धि योजना

राष्ट्रीय महिला कोष

महिला समृद्धि योजना

रोजगार और आय सृजन प्रशिक्षण-सह-उत्पादन केंद्र

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के विकास का कार्यक्रम

"आज की नारी सब पर भारी"
ये बात आज की नारी ने सिद्ध कर दी हैं। अगर महिलायों को थोड़ा सहयोग किया जाए तो वो

पत्थर को भी सोना बना सकती हैं।
समाज और देश की प्रगतिशील के लिए महिलायों का हर क्षेत्र में सहयोग करें। महिलायों के विकास की और एक कदम बढ़ाए। उनको अपना थोड़ा सहयोग दें। बाकी रास्तें तो वो खुद बना लेंगी।

"अगर आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक पुरुष को ही शिक्षित करते हैं, लेकिन  अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। "

Tuesday, 14 September 2021

Hindi Medium

                     Hindi Medium

"हिंदी हैं देश की धरोहर, हिंदी हैं हमारी राष्ट भाषा। "

आज सबसे अहम टॉपिक भाषा। भाषा से कैसे एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता हैं।
पहले बात करते हैं की भाषा क्या है।

 
भाषा......

 बात को साधारण शब्दों में किसी दूसरे तक पहोचाना ही भाषा हैं।
हमारी भाषा बहुत मायने रखती हैं हमारे लाइफ में।
भाषा कोई सी भी हो भाषा स्वच्छ और साधारण होनी चाहिए।
आप अपनी लाइफ स्टाइल मे जो भी भाषा बोलते हैं, इंग्लिश - हिंदी वो साधारण, स्वच्छ होनी चाहिए।
क्योंकि अपनी बोलचाल से अपनी भाषा से हम किसी को भी अपना बना सकते हैं। इसलिए हमारी भाषा में प्यार और अपनापन होना चाहिए।

ये तो भाषा से संबंधित कुछ बातें की हैं , की भाषा क्या है। अब जिसके बारे में चर्चा करनी है उसके बारे में बात करते हैं, यानी अपनी मातृ भाषा हिंदी

मारी मातृ भाषा हिंदी

ये तो सभी जानते हैं, की हिंदी हमारी मातृ भाषा हमारी राष्ट भाषा हैं।
हिंदी ही एक ऐसी भाषा हैं जिसमें प्यार अपनापन होता हैं।  शब्दों में एक शेहद वाली मिठास होतीं हैं।
लेकिन आजकल यही हिंदी जो हमारी मातृ भाषा है
उसको बोलना कोई पसंद नहीं करता है।
मुझे लगता है की अब हमारी मातृ भाषा हिंदी नही इंग्लिश हो गई है।  क्योंकी अब हर जगह इंग्लिश को ही महत्व दिया जाता है। अब स्कूलों में भी हिंदी को कोई प्राथमिकता नही देता है।
  हिंदी हर स्कूल में हर क्लास के लिए होनी चाहिए। हिंदी एक मेन कोर्स में होनी चाहिए। 

"आने वाले पीढी को हिंदी का ज्ञान देने के लिए आज से ही देनी होगी हिंदी की शिक्षा।"


हमारे देश में राष्ट्र भाषा हिंदी का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
सरकार के साथ साथ आम जनता को भी हिंदी भाषा के उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए।
हिंदी भाषा के उत्थान के लिए बच्चों को किसी ना किसी मध्यम से हिंदी भाषा के बारे में बताना चाहिए। ताकि हिंदी भाषा को बढ़ावा मिल सके।

मातृ भाषा हिंदी का महत्व

हमारे देश में हमारी हिंदी भाषा का बहुत महत्व हैं। लेकिन धीरे-धीरे देश में हिन्दी भाषा का प्रचलन खत्म हो रहा हैं और हमारी राष्ट्रभाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत पसंद की जाती है। इसका एक कारण यह है कि हमारी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। एक हिन्दुस्तानी को कम से कम अपनी भाषा यानी हिन्दी तो आनी ही चाहिए, साथ ही हमें हिन्दी का सम्मान भी करना सीखना होगा। इसलिए हर साल पूरे देश में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता हैं।


हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता हैं

आज दुनिया भर में इंग्लिश बोलने का चलन बढ़ता जा रहा है। सभी लोग इंग्लिश भाषा की और बढ़ रहे।
लेकिन हिंदी का अस्तित्व आज भी कायम हैं। और हिंदी का अस्तित्व आगे भी कायम रहेगा आने वाली पीढ़ी को हिंदी का महत्व समझना होगा।
हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की पहचान है, जिसे देश में सबसे ज्यादा बोला जाता है। और बोलना भी चाहिए अपने रोज के कामो में हिंदी भाषा को ही बोलना चाहिए। हमारे देश में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा हासिल है, राष्ट्रभाषा के प्रचार और प्रसार के लिए ही हर साल पूरे देश में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंग्रेजी के बाजार में पिछड़ती अपनी मातृ भाषा हिंदी

अंग्रेजी के इस बाजार में हिंदी पिछड़ती जा रही हैं। आज हिंदी बोलने वाला अनपढ़ - गंवार समझा जाता हैं।
यही नही आज कल माता-पिता अपने बच्चों को इंग्लिश बोलने के लिए प्ररित करते हैं। और बच्चा इंग्लिश में बात करता है तो गर्व महसूस करते हैं। पैदा होते ही बच्चा अंग्रेजी भाषा का गुलाम बन जाता हैं।
आज हिंदी भाषा को कोई भी सम्मान नही देना चाहता हैं। 
आज दो-चार लोगों के बीच में खड़ा एक व्यक्ति हिंदी  भाषा को बोलता हैं तो उसको गंवार समझा जाता हैं।
इसीलिए आज लोग हिंदी बोलने से घबराते हैं। पहले भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था अब अंग्रेजी भाषा का गुलाम बना बैठा हैं।
आज हिंदी भाषा को कोई भी सम्मान नही देना चाहता हैं। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हैं हिंदी भाषा को मान- सम्मान दें।

सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

एक आम