नारी शिक्षा का महत्व
आज की नारी घर की चार दिवारी में रहना पसंद नही करती। बाहर निकालकर कुछ करना चाहती हैं। अपनी पहचान बनाना चाहती हैं । और सही ही हैं आज नारी ने अपनी मेहनत और लगन से सबको पीछे छोड़ दिया हैं।
चुनोतियों का हँसकर सामना करने वाली आज की ये नारी पुरुषों से आगे हैं। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही हैं। पहले जैसे सोच अब नहीं हैं की लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था, उनको बोज समझा जाता था, उनको बस घर में और घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता था। अब बात वो नही हैं लोगों की सोच के साथ लोग भी बदल रहें हैं।
अब लड़की पैदा होनें पर लड़की को बोझ नहीं लक्ष्मी बोला जाता हैं। अब लड़की के पैदा होने पर भी हर घर में थालियाँ बजती हैं, मिठाईयाँ बाटी जाती हैं। अब लड़की की शादी और चूल्हा चौक नहीं उसकी पढ़ाई के बारे में सोचा जाता हैं।
एक लड़की के लिए शादी नहीं उसका शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
आज भी कई क्षेत्र में महिलायों को शिक्षा से वंचित रखा जाता हैं, अशिक्षित महिलाएं सिर्फ एक जिंदा लाश की तरह होती हैं। जिन्हें बस बच्चा पैदा करने की मशीन समझा जाता हैं और चूल्हा चौका तक ही रखा जाता हैं।
जबकि आज की नारी चाँद पर पहुँच चुकी हैं । पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही हैं। इसमें सबसे बड़ा रोल एजुकेशन का हैं।
नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं। आइए उसपर चर्चा करते हैं।
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नारी के लिए शिक्षा का महत्व
नारी को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं। जैसे वोट देना सबका मूल अधिकार हैं वैसे ही हर नारी का शिक्षित होना नारी का मूल अधिकार हैं।
देश के अच्छे विकास के लिए नारी का ही नहीं सभी का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
देश की प्रगति, उन्नति, विकास और प्रगतिशील के लिए नारी का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक हैं।
शिक्षित होने से बच्चों का ठीक से पालन पोषण कर सकती हैं। परिवार को चलाने में अपने पति का हाथ बटा सकती हैं।
रूरल एरिया में अभी भी शिक्षा का अभाव हैं। वहाँ महिलाएं तो अशिक्षित हैं ही पुरुष भी ना के बराबर शिक्षित मिलेंगे। इसलिए आज तक रूरल एरिया का विकास नहीं हो पाया। आप खुद देख सकते हैं रूरल एरिया में मृत्यु दर भड़ता जा रहा है क्योंकि आए दिन कोई ना कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हों जाता हैं।
परिवार को ठीक तरह से चलाना, बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करना एक शिक्षित महिला या एक शिक्षित माता कर सकती हैं। वैसे तो परिवार तथा बच्चों के पालन पोषण के लिए स्त्री और पुरुष दोनों का शिक्षित होना जरूरी हैं। पर हम यहाँ स्त्री शिक्षा की बात कर रहें हैं। आज के समय में हर नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं।
महिलायों के लिए शिक्षा के लाभ
शिक्षा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं।
पर यहाँ हम बात महिलायों की शिक्षा का कर रहें हैं।
हर महिला का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
शिक्षित महिलाएँ हर क्षेत्र में अपना योगदान दे सकतीं हैं।
शिक्षित महिला कमा सकती है और अपने परिवार की आय में योगदान कर सकती है। बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से कर करती हैं तथा बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं घरेलू हिंसा से स्वयं को बचा सकतीं हैं।
पर अभी भी महिलायों की शिक्षा में बहुत सी रुकावटें आती हैं आइये उनपर पर चर्चा करते हैं.....
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महिलायों की शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक.......
**** लिंग भेद भाव
**** आर्थिक स्थिति
**** पितृसत्तात्मक समाज
**** सामाजिक सोच
**** सुरक्षा का अभाव
****स्वास्थ्य और स्वच्छता
सरकार द्वारा महिलायों की शिक्षा के लिए कुछ प्रोग्राम चलाए गए हैं.... जो इस प्रकार हैं।
सर्व शिक्षा अभियान
इंदिरा महिला योजना
बालिका समृद्धि योजना
राष्ट्रीय महिला कोष
महिला समृद्धि योजना
रोजगार और आय सृजन प्रशिक्षण-सह-उत्पादन केंद्र
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के विकास का कार्यक्रम
"आज की नारी सब पर भारी"
ये बात आज की नारी ने सिद्ध कर दी हैं। अगर महिलायों को थोड़ा सहयोग किया जाए तो वो
पत्थर को भी सोना बना सकती हैं।
समाज और देश की प्रगतिशील के लिए महिलायों का हर क्षेत्र में सहयोग करें। महिलायों के विकास की और एक कदम बढ़ाए। उनको अपना थोड़ा सहयोग दें। बाकी रास्तें तो वो खुद बना लेंगी।
"अगर आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक पुरुष को ही शिक्षित करते हैं, लेकिन अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। "
Nice article
ReplyDeleteशानदार👍
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNicely written
ReplyDeleteNice article
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