Saturday, 14 August 2021

हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता

      हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता


भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है, जो लगभग 5,000 हजार वर्ष से भी पुरानी है। विश्व की पहली और महान संस्कृति के रुप में भारतीय संस्कृति को माना जाता है।

एकता का भाव हम यही भारत देश में देख सकते हैं

अतिथि देवो भवः 🙏🙏
अतिथियों को हमारे देश में भगवान का रूप माना जाता हैं।

हमारी सभ्यता और संस्कृति का संबंध हमारे पहनावे हमारी बोल-चाल से होता हैं। हमारी संस्कृति हमारी पहचान हैं। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति प्रसिद्ध हैं।

हमारा भारत देश बहु- संस्कृतियों का देश हैं। सभी संस्कृतियों के अलग अलग मायने हैं। और सभी अपनी अपनी संस्कृतियों का अच्छे से पालन करते हैं।
पुराणों काल से ही गौ माता को पूजा जाता हैं। कहा जाता है की गौ माता में तेतीस करोड़ देवी देवता विद्यमान हैं। इसलिए गौ हत्या सबसे बड़ा पाप माना जाता हैं।

गंगा नदी ये सिर्फ नदी नहीं हैं । इनको गंगा मैया कहते हैं। गंगा को पुराणो काल से पूजा जाता हैं। सभी साधु संत अपने दिन की शुरुआत गंगा में स्नान करके करते हैं। हरिद्वार की गंगा आरती का भी अपना एक अद्भुत नजारा होता हैं। दूर दूर से लोग गंगा आरती में शामिल होते हैं । और गंगा मैया का आशीर्वाद लेते हैं। 


भारत देश में अनेक तरह के पहनावे है। अलग अलग तरह की बोल चाल हैं। कई जातीय और कई धर्मो के लोग रहते हैं।

हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सभी की संस्कृति-सभ्यता
बोल-चाल, पहनावे का ठंग सब अलग हैं।
सभी के त्योहार अलग अलग हैं। सभी त्योहारों पर सबका अपना अलग-अलग तरीका हैं खुशियाँ बाटनें का मुबारकबाद देने का।

हिंदु का त्योहार होली रंगों का त्योहार हैं सभी लोग अलग अलग तरह से मानते हैं। होली पर होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं या हैप्पी होली गले मिलकर गुलाल लगाकर शुभकामनाएं देते हैं और छोटे बच्चें, घर के बेटे-बहू अपने बड़े-बुजुर्गो के पैर झुकर त्योहारों पर सभी का आशीर्वाद लेते हैं। घर के सभी लोग मिल जुलकर त्योहार मानते हैं।


दिवाली का त्योहार दिवाली के दिन सभी के घर में पूजा होती हैं हनुमान जी और लक्ष्मी जी की।

सभी अपने-अपने रीति रिवाज, संस्कृति के हिसाब से
पूजा-पाठ करते हैं। एक दूसरे के घर आना-जाना, सभी को स्वीट्स देकर दिवाली की शुभकामनाएं देना और बड़ों का आशीर्वाद लेना ये हमारी संस्कृति हैं। 


हिंदूयों में एक त्योहार आता हैं करवा चौथ। सुहागन स्त्री करती हैं। पूरे दिन व्रत करके अपने सुहाग अपने पति के जीवन की मंगल कामना करती हैं। पंजाबियों में करवा चौथ बहुत अच्छे से मानते हैं।

बंगाल में दुर्गा पूजा का भी बहुत महत्यम हैं
जैसे नवरात्रि होती हैं, नौ दिन नौ देवियो की पूजा होतीं हैं। कन्याओं को पूजा जाता हैं। बंगाल में दुर्गा पूजा बहुत अच्छे से मनाते हैं।


जन्माष्टमी कृष्ण जी का जन्मोत्सव सभी लोग बहुत उल्हास के साथ मानते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव सभी जाति धर्म के लोग मिलजुल कर मनाते हैं।  छोटे छोटे बच्चों को कृष्ण - राधा के रूप में सजाया जाता हैं।


वही कुछ ऐसे पर्व हैं जैसे गुरु पूर्णिमा, बुध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयन्ती आदि पर्वो को सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलजुल कर मनाते हैं।

पंजाबियों में लोडि - गुडिपार्वा को बहुत अच्छे से बड़े हर्षो उल्हास के साथ मानते हैं।

ईद 🌙 ईद का त्योहार के भी अपने अलग मायने हैं।
सब मुस्लिम्स बहुत अच्छे से बड़े उल्हास के साथ ईद मानते हैं। एक महीने के रोजे के बाद चाँद का दीदार होता है। सब लोग गले मिलकर ईद मुबारक कहते हैं।
सभी के घर में मिठी सिवाईया बनती हैं। एक दूसरे के घर जाकर मिठी सिवाइयो के साथ ईद मनाई जाती हैं।


क्रिसमस 🎄🎄🎄मेरी क्रिसमस
ईसाइयों का त्योहार सभी लोग बहुत अच्छे से उल्हास के साथ मानते हैं। भारत से लेकर सभी देश में क्रिसमस को सब बहुत अच्छे से मेरी क्रिसमस बोल कर सेलिब्रेट करते हैं।


जितनी ही धूम धाम से ईद बैसाखी होली दिवाली इन त्योहारों को मानते हैं।
उतनी ही धूम धाम से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस मानते।।
हमारे लिए ये भी किसी त्योहार से कम नहीं हैं। अगर आपको एक साथ सभी देश के वेश भूषा, बोल-चाल,
संस्कृति देखनी है तो गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर देख सकते हैं।

वही कुछ ऐसे पर्व हैं जैसे गुरु पूर्णिमा, बुध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयन्ती आदि पर्वो को सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलजुल कर मनाते हैं।

जैसे भारत देश में अनेक जाती धर्म और उनके त्योहार हैं। वही विभिन्न संस्कृतियों के अपने लोक नृत्य और शास्त्रीय संगीत हैं।
भरत नाट्यम, कथक, कथक कली, कुच्ची पुड़ी । सभी अपने क्षेत्रों के लोक नृत्यों के अनुसार बहुत प्रसिद्ध है। पंजाब का भाँगड़ा, गुजराती गरबा, राजस्थानी घुमड़, आसाम का बिहू, महाराष्ट्रा के लोग लाँवणी का आनन्द लेते हैं।


सभी लोग सब त्योहार अपने-अपने संस्कृति-सभ्यता के अनुसार मानते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नही हैं कि सभी अपने-अपने त्योहार मानते  हैं। ये हमारा भारत देश में यहाँ की संस्कृति सभ्यता की बात ही कुछ और हैं। सभी त्योहार सब मिल जुलकर अच्छे से मानते हैं। आप खुद ही देख सकते हैं हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं और बहुत आनंद लेते हैं।

लेकिन आज बड़े दुःख की बात हैं या कह लीजिये बड़े शर्म की बात है की हम लोग विदेशियों की संस्कृति को अपना रहे हैं । आजकल की जेनरेशन आज कल के बच्चे सब विदेश की तरफ भाग रहे हैं उनका खान पान , उनका पहनावा, उनकी बोल चाल उनकी सोच सब कुछ और बहुत गर्व के साथ में ये कहती हूँ वही विदेशी हमारी संस्कृति को अपना रहें हैं। 
कहने का मतलब है कि देशी विदेशी हो रहा है और विदेशी देशी।
अपने बच्चों को अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता के बारें में बताएं। उनको अपने त्योहारों के मायने बतायें। अभी समय हैं और समय रहते आप अपने बच्चों को नई रह नई सीख दे सकते हैं। कहीं ऐसा न हो की बच्चे विदेशी हो जाए और हमारे देश में बस ओल्ड एज होम ही रहे जाए।

मिलती हूँ जल्दी ही अगले ब्लॉग में अपना और अपनो का ध्यान रखें।
Take Care &Stay Safe

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एक आम