Tuesday, 16 November 2021

Women's Health

Women's Health


आज के समय में महिलाएं घर ही नहीं बाहर जाकर पुरुषों के साथ कन्थे से कन्था मिलाकर काम करती हैं। और इस भाग दौर की जिंदगी में अपना ध्यान भी रखना उतना ही जरूरी हैं ।

यदि शरीर की रोग प्रतिरोधंक क्षमता कम हो जाये, तो विभिन्न प्रकार के रोग हमें घेर लेते है. निरोगी जीवन जीने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरुरी है. योगाभ्यास और प्राणायाम जहाँ शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है ही.
वहीँ उचित और संतुलित आहार भी इम्युनिटी को बढ़ने में सहायक होता हैं। महिलाओं की जान अपने परिवार में बसती हैं। और अपने परिवार का ध्यान तभी रख पाएगी जब ख़ुद का ध्यान रखेंगी।
तो आज हम अपने ब्लॉग में हेल्थ टिप्स की बात करेंगें और जनेंगें हम अपनी इम्यूनिटी को कैसे बढ़ा सकते हैं ।

*****बेस्ट हेल्थ टिप्स

1..... ठीक मात्रा में पानी पिये🥤
हमारा शरीर में 70% पानी होता हैं।
शरीर में पानी की मात्रा को ठीक रखने के लिए दिन में 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए ।

2..... फलों का जूस पिया🍹🍹
फलों का जूस पिए, नारियल पानी पिये। नारियल पानी के सेवन से इम्यूनिटी सिस्टम सही रहता हैं।

3..... मोसमी फल व सब्जी का प्रयोग करें
इम्यूनिटी सिस्टम को सही रखने के लिए मोसमी फल व सब्जी का सेवन करें।

4..... अधिक से अधिक खाने में हरी साग, सब्जियों का प्रयोग करें।

5..... अपनी डाइट में विटामिन प्रोटीन का यूज करें।



6..... हेल्थी ब्रेक फास्ट लें । ब्रेक फास्ट करना ना भूलें। अपने दिन की शुरुआत प्रोटीन और फाइबर से करें।

7..... अपनी डाइट में सूखे मेवों को शामिल करें।

8..... सेब फलों में सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इसलिए डॉक्टर हमें एक सेब रोज़ खाने की सलाह  देते हैं, जो महिलाएं रोजाना एक सेब खाती हैं उनका इम्यूनिटी सिस्टम बढ़िया रहता है । सेब में मौजूद विटामिन और पोषक तत्व हर तरह की बीमारी के लिए फायदेमंद है, सेब खाने से महिलाओं में खून की कमी को बढ़ाता है वहीं ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करता है ।


9...... ज्यादातर महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी होती है, इसलिए महिलाओं को अपने खाने में पोष्टिक चीजों को जोड़ना चाहिए । अनार को डाइट में शामिल करने से कई फायदे हो सकते हैं । अनार, पालक जैसी फल सब्जियों को डाइट में शामिल करें इनमें आयरन की अधिक मात्रा होती है ।


10..... डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स का यूज कम करें।

11..... दिन भर में कुछ कुछ खाते रहें, खाने के बीच लंबा गेप नहीं होना चाहिए।

12..... हम हाउस वाइफ दूसरों के लिए घर के लिए हमेशा सोचती है। हमेशा ध्यान रखती हैं। थोड़ा टाइम अपने लिए भी निकालना चाहिए। 

13..... समय समय पर डॉक्टर के पास जाए,
अपना रूटीन चेकअप जरूर करवाती रहें।


14..... स्ट्रेस को कम करें
यदि आप तनाव या स्ट्रेस लेती हैं, तो स्वस्थ पर बुरा असर पड़ता हैं। इससे भाग नहीं सकते। लेकिन इन सबको दूर जरूर कर सकती हैं..…..

गहरी साँस लेना

ध्यान

योग और योगासन


व्यायाम

मालिश

पौष्टिक भोजन

15..... डाइटिंग बन्द कर दें। डाइटिंग से कुछ नहीं होता। हेल्थी फ़ूड खाए। ओवरइटिंग, जंक फ़ूड का यूज कम कर दें।

16..... खुश रहें। फैमिली, दोस्तों के साथ व्यतित किया हुआ समय बहुत ही खुशनुमा और मजेदार होता है। जिससे आपका मन प्रसन्न होता है। और एक प्रसन्न मन ही एक हेल्थी लाइफ की नीवं है।


17..... दोस्तों के साथ अपनी सबसे पसंदीदा हॉबी को एन्जॉय करे । क्योंकि हॉबी को आप मन से एन्जॉय करेंगे।


18..... व्यस्त रहें, मस्त रहें
“सौ बात एक बात” हम जितना अधिक अपने कार्यो , परिवार ,मित्रोँ, और अपनी रूचि को समय देंगे उतना अधिक हम शारीरिक और मानसिक रूप स्वस्थ रह पायेंगे |

इन सभी आसान हेल्थ टिप्स को अपनाकर एक महिला अपने आपको स्वस्थ रख सकती है। 




Thanks for reading.

Take Care And Stay Safe.






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Monday, 11 October 2021

Health-Environment Issue

Health-Environment Issue


आजकल हेल्थ को लेकर सब बहुत सतर्क हो गए हैं।
कुछ न कुछ हेल्थ प्रॉब्लम सबके साथ लगी रहती हैं।
और हेल्थ प्रॉब्लमस क्यों ना हो, दिन प्रतिदिन पर्यावरण दूषित होता जा रहा हैं।
पर्यावरण को लेकर अभी भी जागरुकता में कमी आ रही हैं। और समस्या बढ़ती जा रही हैं। नई नई बीमारियाँ हो रही हैं।
बड़े बड़े उद्योगो-कारखानों का निर्माण, बड़े बड़े शहरों का निर्माण जंगल कटने से हो रहा हैं। यही कारण है कि आज के समय में स्वस्थ पर बुरा असर पड़ रहा हैं।
पर्यावरण को अपनी प्रकृति को दूषित भी हम जैसे लोग ही कर रहे हैं। जैसे गलती करने पर हमारे माता पिता, हमारे टीचर्स हमें पनिशमेंट देते हैं वैसे ही प्रकृति भी हमें पनिशमेंट दें रही हैं।
अपनी प्रकृति को साफ सुधरा रखना हमारी जिम्मेदारी है।
मानव स्वस्थ उसकी सबसे बड़ी पूंजी हैं। क्यों की स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचार आते हैं। इसलिए स्वस्थ रहना बहुत जरूरी हैं क्योंकी जब हम खुद स्वस्थ रहेगें तभी हम अपने परिवार, समाज, देश को स्वस्थ रख पायगे।

मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण में अटूट संबंध है। हम स्वस्थ जीवन जी सकें, इसके लिए पर्यावरण और उसके घटकों के बीच संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

घर से बाहर हमें बहुत से पर्यावरण का सामना करना होता हैं, जो हमारे अंगों पर प्रभावित डालते हैं।

*वायु
*जल
*ध्वनि

*हवा, जल और तेज आवाज़ में इन सबसे मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इससे दमा, सर्दी-खाँसी, अँधापन, श्रव का कमजोर होना, त्वचा रोग जैसी बीमारियाँ पैदा होती हैं। लंबे (लम्बे) समय के बाद इससे जननिक विकृतियाँ उत्पन्न हो जाती हैं और अपनी चरमसीमा पर यह घातक भी हो सकती हैं।

सरकार द्वारा बनाये गए प्रोग्राम में सरकार का सयोग दें।  स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बने।

****पेड़ पौधे लगाएं
जितनी जनसख्या से पेड़ कट रहे हैं। उतनी ही जनसख्या से वृक्षरोपड़ भी होना चाहिए। यही कारण
पर्यावरण दूषित होता जा रहा हैं।
जंगल कट रहे हैं। बस्तियों और शहरों का निर्माण हो रहा हैं।
अगर  हर घर से एक पेड़ भी लगाया जाए तो हम प्राकृतिक आपदाओ को रोक सकते हैं।
प्राकृतिक आपदा प्रकृति का क्रोध हैं। प्रकृति को नुकसान हम जैसे ही लोग पहुँचा रहे हैं इसलिए प्रकृति का क्रोध भी हमें ही सहना पड़ेगा।

मैंने एक चिड़ियाँ 🐤 पाली,एक दिन वो उड़ गई ।
फिर मैंने एक गिलहरी 🐿 पाली,वो भी एक दिन चली गई।।
फिर मैंने एक दिन एक पेड़ 🌳 लगाया ।
वो दोनों वापस आ गई ।।

****प्लास्टिक का उपयोग ना करना
प्लास्टिक का प्रयोग ना करें। आजकल रोज मार्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का उपयोग एक आम बात हैं।
प्लास्टिक हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होतीं हैं। कोशिश करें की प्लास्टिक का उपयोग ना करें। माइक्रोवेव या ओवन मे खाना गर्म करना हो कांच का प्रयोग करें ।

****नदियों को साफ रखें
नदियों को साफ रखें नदियों को साफ रखना बहुत जरूरी हैं। आजकल अंधविश्वश ने क्रम काण्ड ने हमारी पवित्र नदियों को दूषित किया हुआ हैं।
प्रदूषण का एक कारण नदियों का दूषित होना भी हैं।
मैने बहुत लोगों को देखा हैं कपड़े बर्तन और अपने पशु को निलाहते हुए। नदियाँ प्रकृति की ही देन हैं इसको दूषित ना करें।
इन्ही कारणों की वजह से गंगा-यमुना जैसी नदियाँ भी दूषित हो रही हैं या कह लीजिये अपवित्र हो रही हैं।
अब इसको पढ़कर कुछ लोग बोलेंगे हम नहीं करते हम नहीं करते जी आप नहीं करते हो तो जो कर रहा हैं उसको मना तो कर सकते हो।

****इधर-उधर कूड़ा ना फेकें
साफ़ सफाई का ध्यान रखें। इधर उधर कूड़ा कचरा ना फेकें।  खुद भी कूड़ा कचरा इधर उधर ना फेकें और दूसरों को भी फेकने ना दें। कूड़ा कचरा कूड़ेदान में ही डालें। 


****ओड-इवन को देखकर अपने वाहनों का प्रयोग करें

सरकार द्वारा हर साल वाहनों में ओड-इवन को लागू किया जाता है, जिससे बड़ते प्रदूषण को रोक जा सकें। सरकार द्वारा चलाए गए ओड-इवन में आप भी  सहयोग करें और प्रदूषण को कम करें।


आपको सबको पता होगा उत्तराखंड में पेड़ों को काटे जाने से रोकने के लिए "सुंदरलाल बहुगुणा" जी ने चिपको आंदोलन चलाया, और चिपको आंदोलन काफी सक्सेस भी रहा। काफी लोग इस आंदोलन से जुड़ गए थे।
आप भी कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिससे अंधाधुन पेड़ों को कटने से रोका जा सकें, या कोई ऐसा प्रोग्राम जो साफ सफाई से संबंधित हों। लोगों को जागरूक कराएं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें प्ररित करें ।
















Monday, 27 September 2021

नारी शिक्षा का महत्व

  नारी शिक्षा का महत्व


आज की नारी घर की चार दिवारी में रहना पसंद नही करती। बाहर निकालकर कुछ करना चाहती हैं। अपनी पहचान बनाना चाहती हैं । और सही ही हैं आज नारी ने अपनी मेहनत और लगन से सबको पीछे छोड़ दिया हैं।
चुनोतियों का हँसकर सामना करने वाली आज की ये नारी पुरुषों से आगे हैं। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही हैं। पहले जैसे सोच अब नहीं हैं की लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था, उनको बोज समझा जाता था, उनको बस घर में और घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता था। अब बात वो नही हैं लोगों की सोच के साथ लोग भी बदल रहें हैं।
अब लड़की पैदा होनें पर लड़की को बोझ नहीं लक्ष्मी बोला जाता हैं। अब लड़की के पैदा होने पर भी हर घर में थालियाँ बजती हैं, मिठाईयाँ बाटी जाती हैं। अब लड़की की शादी और चूल्हा चौक नहीं उसकी पढ़ाई के बारे में सोचा जाता हैं।

एक लड़की के लिए शादी नहीं उसका शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
आज भी कई  क्षेत्र  में महिलायों को शिक्षा से वंचित रखा जाता हैं,  अशिक्षित महिलाएं सिर्फ एक जिंदा लाश की तरह होती हैं। जिन्हें बस बच्चा पैदा करने की मशीन समझा जाता हैं और चूल्हा चौका तक ही रखा जाता हैं।
जबकि आज की नारी चाँद पर पहुँच चुकी हैं । पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही हैं।  इसमें सबसे बड़ा रोल एजुकेशन का हैं। 

नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं। आइए उसपर चर्चा करते हैं।
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नारी के लिए शिक्षा का महत्व
नारी को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं। जैसे वोट देना सबका मूल अधिकार हैं वैसे ही हर नारी का शिक्षित होना नारी का मूल अधिकार हैं।
देश के अच्छे विकास के लिए नारी का ही नहीं सभी का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
देश की प्रगति, उन्नति, विकास और प्रगतिशील के लिए नारी का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक हैं।
शिक्षित होने से बच्चों का ठीक से पालन पोषण कर सकती हैं। परिवार को चलाने में अपने पति का हाथ बटा सकती हैं।

 


रूरल एरिया में अभी भी शिक्षा का अभाव हैं। वहाँ महिलाएं तो अशिक्षित हैं ही पुरुष भी ना के बराबर शिक्षित मिलेंगे। इसलिए आज तक रूरल एरिया का विकास नहीं हो पाया। आप खुद देख सकते हैं रूरल एरिया में मृत्यु दर भड़ता जा रहा है क्योंकि आए दिन कोई ना कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हों जाता हैं।
परिवार को ठीक तरह से चलाना, बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करना एक शिक्षित महिला या एक शिक्षित माता कर सकती हैं। वैसे तो परिवार तथा बच्चों के पालन पोषण के लिए स्त्री और पुरुष दोनों का शिक्षित होना जरूरी हैं। पर हम यहाँ स्त्री शिक्षा की बात कर रहें हैं। आज के समय में हर नारी के लिए शिक्षा का बहुत महत्व हैं।

महिलायों के लिए शिक्षा के लाभ

शिक्षा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं।
पर यहाँ हम बात महिलायों की शिक्षा का कर रहें हैं।
हर महिला का शिक्षित होना बहुत जरूरी हैं।
शिक्षित महिलाएँ हर  क्षेत्र  में अपना योगदान दे सकतीं हैं।
शिक्षित महिला कमा सकती है और अपने परिवार की आय में योगदान कर सकती है। बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से कर करती हैं तथा बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं घरेलू हिंसा से स्वयं को बचा सकतीं हैं।


पर अभी भी महिलायों की शिक्षा में बहुत सी रुकावटें आती हैं आइये उनपर पर चर्चा करते हैं.....
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महिलायों की शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक.......

****  लिंग भेद भाव
**** आर्थिक स्थिति
**** पितृसत्तात्मक समाज
**** सामाजिक सोच
**** सुरक्षा का अभाव
****स्वास्थ्य और स्वच्छता

सरकार द्वारा महिलायों की शिक्षा के लिए कुछ प्रोग्राम चलाए गए हैं.... जो इस प्रकार हैं।

सर्व शिक्षा अभियान

इंदिरा महिला योजना

बालिका समृद्धि योजना

राष्ट्रीय महिला कोष

महिला समृद्धि योजना

रोजगार और आय सृजन प्रशिक्षण-सह-उत्पादन केंद्र

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के विकास का कार्यक्रम

"आज की नारी सब पर भारी"
ये बात आज की नारी ने सिद्ध कर दी हैं। अगर महिलायों को थोड़ा सहयोग किया जाए तो वो

पत्थर को भी सोना बना सकती हैं।
समाज और देश की प्रगतिशील के लिए महिलायों का हर क्षेत्र में सहयोग करें। महिलायों के विकास की और एक कदम बढ़ाए। उनको अपना थोड़ा सहयोग दें। बाकी रास्तें तो वो खुद बना लेंगी।

"अगर आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक पुरुष को ही शिक्षित करते हैं, लेकिन  अगर आप एक स्त्री को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। "

Tuesday, 14 September 2021

Hindi Medium

                     Hindi Medium

"हिंदी हैं देश की धरोहर, हिंदी हैं हमारी राष्ट भाषा। "

आज सबसे अहम टॉपिक भाषा। भाषा से कैसे एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता हैं।
पहले बात करते हैं की भाषा क्या है।

 
भाषा......

 बात को साधारण शब्दों में किसी दूसरे तक पहोचाना ही भाषा हैं।
हमारी भाषा बहुत मायने रखती हैं हमारे लाइफ में।
भाषा कोई सी भी हो भाषा स्वच्छ और साधारण होनी चाहिए।
आप अपनी लाइफ स्टाइल मे जो भी भाषा बोलते हैं, इंग्लिश - हिंदी वो साधारण, स्वच्छ होनी चाहिए।
क्योंकि अपनी बोलचाल से अपनी भाषा से हम किसी को भी अपना बना सकते हैं। इसलिए हमारी भाषा में प्यार और अपनापन होना चाहिए।

ये तो भाषा से संबंधित कुछ बातें की हैं , की भाषा क्या है। अब जिसके बारे में चर्चा करनी है उसके बारे में बात करते हैं, यानी अपनी मातृ भाषा हिंदी

मारी मातृ भाषा हिंदी

ये तो सभी जानते हैं, की हिंदी हमारी मातृ भाषा हमारी राष्ट भाषा हैं।
हिंदी ही एक ऐसी भाषा हैं जिसमें प्यार अपनापन होता हैं।  शब्दों में एक शेहद वाली मिठास होतीं हैं।
लेकिन आजकल यही हिंदी जो हमारी मातृ भाषा है
उसको बोलना कोई पसंद नहीं करता है।
मुझे लगता है की अब हमारी मातृ भाषा हिंदी नही इंग्लिश हो गई है।  क्योंकी अब हर जगह इंग्लिश को ही महत्व दिया जाता है। अब स्कूलों में भी हिंदी को कोई प्राथमिकता नही देता है।
  हिंदी हर स्कूल में हर क्लास के लिए होनी चाहिए। हिंदी एक मेन कोर्स में होनी चाहिए। 

"आने वाले पीढी को हिंदी का ज्ञान देने के लिए आज से ही देनी होगी हिंदी की शिक्षा।"


हमारे देश में राष्ट्र भाषा हिंदी का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
सरकार के साथ साथ आम जनता को भी हिंदी भाषा के उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए।
हिंदी भाषा के उत्थान के लिए बच्चों को किसी ना किसी मध्यम से हिंदी भाषा के बारे में बताना चाहिए। ताकि हिंदी भाषा को बढ़ावा मिल सके।

मातृ भाषा हिंदी का महत्व

हमारे देश में हमारी हिंदी भाषा का बहुत महत्व हैं। लेकिन धीरे-धीरे देश में हिन्दी भाषा का प्रचलन खत्म हो रहा हैं और हमारी राष्ट्रभाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत पसंद की जाती है। इसका एक कारण यह है कि हमारी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंब है। आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। एक हिन्दुस्तानी को कम से कम अपनी भाषा यानी हिन्दी तो आनी ही चाहिए, साथ ही हमें हिन्दी का सम्मान भी करना सीखना होगा। इसलिए हर साल पूरे देश में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता हैं।


हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता हैं

आज दुनिया भर में इंग्लिश बोलने का चलन बढ़ता जा रहा है। सभी लोग इंग्लिश भाषा की और बढ़ रहे।
लेकिन हिंदी का अस्तित्व आज भी कायम हैं। और हिंदी का अस्तित्व आगे भी कायम रहेगा आने वाली पीढ़ी को हिंदी का महत्व समझना होगा।
हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की पहचान है, जिसे देश में सबसे ज्यादा बोला जाता है। और बोलना भी चाहिए अपने रोज के कामो में हिंदी भाषा को ही बोलना चाहिए। हमारे देश में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा हासिल है, राष्ट्रभाषा के प्रचार और प्रसार के लिए ही हर साल पूरे देश में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंग्रेजी के बाजार में पिछड़ती अपनी मातृ भाषा हिंदी

अंग्रेजी के इस बाजार में हिंदी पिछड़ती जा रही हैं। आज हिंदी बोलने वाला अनपढ़ - गंवार समझा जाता हैं।
यही नही आज कल माता-पिता अपने बच्चों को इंग्लिश बोलने के लिए प्ररित करते हैं। और बच्चा इंग्लिश में बात करता है तो गर्व महसूस करते हैं। पैदा होते ही बच्चा अंग्रेजी भाषा का गुलाम बन जाता हैं।
आज हिंदी भाषा को कोई भी सम्मान नही देना चाहता हैं। 
आज दो-चार लोगों के बीच में खड़ा एक व्यक्ति हिंदी  भाषा को बोलता हैं तो उसको गंवार समझा जाता हैं।
इसीलिए आज लोग हिंदी बोलने से घबराते हैं। पहले भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था अब अंग्रेजी भाषा का गुलाम बना बैठा हैं।
आज हिंदी भाषा को कोई भी सम्मान नही देना चाहता हैं। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हैं हिंदी भाषा को मान- सम्मान दें।

सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

Saturday, 14 August 2021

हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता

      हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता


भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है, जो लगभग 5,000 हजार वर्ष से भी पुरानी है। विश्व की पहली और महान संस्कृति के रुप में भारतीय संस्कृति को माना जाता है।

एकता का भाव हम यही भारत देश में देख सकते हैं

अतिथि देवो भवः 🙏🙏
अतिथियों को हमारे देश में भगवान का रूप माना जाता हैं।

हमारी सभ्यता और संस्कृति का संबंध हमारे पहनावे हमारी बोल-चाल से होता हैं। हमारी संस्कृति हमारी पहचान हैं। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति प्रसिद्ध हैं।

हमारा भारत देश बहु- संस्कृतियों का देश हैं। सभी संस्कृतियों के अलग अलग मायने हैं। और सभी अपनी अपनी संस्कृतियों का अच्छे से पालन करते हैं।
पुराणों काल से ही गौ माता को पूजा जाता हैं। कहा जाता है की गौ माता में तेतीस करोड़ देवी देवता विद्यमान हैं। इसलिए गौ हत्या सबसे बड़ा पाप माना जाता हैं।

गंगा नदी ये सिर्फ नदी नहीं हैं । इनको गंगा मैया कहते हैं। गंगा को पुराणो काल से पूजा जाता हैं। सभी साधु संत अपने दिन की शुरुआत गंगा में स्नान करके करते हैं। हरिद्वार की गंगा आरती का भी अपना एक अद्भुत नजारा होता हैं। दूर दूर से लोग गंगा आरती में शामिल होते हैं । और गंगा मैया का आशीर्वाद लेते हैं। 


भारत देश में अनेक तरह के पहनावे है। अलग अलग तरह की बोल चाल हैं। कई जातीय और कई धर्मो के लोग रहते हैं।

हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सभी की संस्कृति-सभ्यता
बोल-चाल, पहनावे का ठंग सब अलग हैं।
सभी के त्योहार अलग अलग हैं। सभी त्योहारों पर सबका अपना अलग-अलग तरीका हैं खुशियाँ बाटनें का मुबारकबाद देने का।

हिंदु का त्योहार होली रंगों का त्योहार हैं सभी लोग अलग अलग तरह से मानते हैं। होली पर होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं या हैप्पी होली गले मिलकर गुलाल लगाकर शुभकामनाएं देते हैं और छोटे बच्चें, घर के बेटे-बहू अपने बड़े-बुजुर्गो के पैर झुकर त्योहारों पर सभी का आशीर्वाद लेते हैं। घर के सभी लोग मिल जुलकर त्योहार मानते हैं।


दिवाली का त्योहार दिवाली के दिन सभी के घर में पूजा होती हैं हनुमान जी और लक्ष्मी जी की।

सभी अपने-अपने रीति रिवाज, संस्कृति के हिसाब से
पूजा-पाठ करते हैं। एक दूसरे के घर आना-जाना, सभी को स्वीट्स देकर दिवाली की शुभकामनाएं देना और बड़ों का आशीर्वाद लेना ये हमारी संस्कृति हैं। 


हिंदूयों में एक त्योहार आता हैं करवा चौथ। सुहागन स्त्री करती हैं। पूरे दिन व्रत करके अपने सुहाग अपने पति के जीवन की मंगल कामना करती हैं। पंजाबियों में करवा चौथ बहुत अच्छे से मानते हैं।

बंगाल में दुर्गा पूजा का भी बहुत महत्यम हैं
जैसे नवरात्रि होती हैं, नौ दिन नौ देवियो की पूजा होतीं हैं। कन्याओं को पूजा जाता हैं। बंगाल में दुर्गा पूजा बहुत अच्छे से मनाते हैं।


जन्माष्टमी कृष्ण जी का जन्मोत्सव सभी लोग बहुत उल्हास के साथ मानते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव सभी जाति धर्म के लोग मिलजुल कर मनाते हैं।  छोटे छोटे बच्चों को कृष्ण - राधा के रूप में सजाया जाता हैं।


वही कुछ ऐसे पर्व हैं जैसे गुरु पूर्णिमा, बुध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयन्ती आदि पर्वो को सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलजुल कर मनाते हैं।

पंजाबियों में लोडि - गुडिपार्वा को बहुत अच्छे से बड़े हर्षो उल्हास के साथ मानते हैं।

ईद 🌙 ईद का त्योहार के भी अपने अलग मायने हैं।
सब मुस्लिम्स बहुत अच्छे से बड़े उल्हास के साथ ईद मानते हैं। एक महीने के रोजे के बाद चाँद का दीदार होता है। सब लोग गले मिलकर ईद मुबारक कहते हैं।
सभी के घर में मिठी सिवाईया बनती हैं। एक दूसरे के घर जाकर मिठी सिवाइयो के साथ ईद मनाई जाती हैं।


क्रिसमस 🎄🎄🎄मेरी क्रिसमस
ईसाइयों का त्योहार सभी लोग बहुत अच्छे से उल्हास के साथ मानते हैं। भारत से लेकर सभी देश में क्रिसमस को सब बहुत अच्छे से मेरी क्रिसमस बोल कर सेलिब्रेट करते हैं।


जितनी ही धूम धाम से ईद बैसाखी होली दिवाली इन त्योहारों को मानते हैं।
उतनी ही धूम धाम से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस मानते।।
हमारे लिए ये भी किसी त्योहार से कम नहीं हैं। अगर आपको एक साथ सभी देश के वेश भूषा, बोल-चाल,
संस्कृति देखनी है तो गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर देख सकते हैं।

वही कुछ ऐसे पर्व हैं जैसे गुरु पूर्णिमा, बुध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयन्ती आदि पर्वो को सभी धर्मो के लोग एक साथ मिलजुल कर मनाते हैं।

जैसे भारत देश में अनेक जाती धर्म और उनके त्योहार हैं। वही विभिन्न संस्कृतियों के अपने लोक नृत्य और शास्त्रीय संगीत हैं।
भरत नाट्यम, कथक, कथक कली, कुच्ची पुड़ी । सभी अपने क्षेत्रों के लोक नृत्यों के अनुसार बहुत प्रसिद्ध है। पंजाब का भाँगड़ा, गुजराती गरबा, राजस्थानी घुमड़, आसाम का बिहू, महाराष्ट्रा के लोग लाँवणी का आनन्द लेते हैं।


सभी लोग सब त्योहार अपने-अपने संस्कृति-सभ्यता के अनुसार मानते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नही हैं कि सभी अपने-अपने त्योहार मानते  हैं। ये हमारा भारत देश में यहाँ की संस्कृति सभ्यता की बात ही कुछ और हैं। सभी त्योहार सब मिल जुलकर अच्छे से मानते हैं। आप खुद ही देख सकते हैं हमारा देश हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं और बहुत आनंद लेते हैं।

लेकिन आज बड़े दुःख की बात हैं या कह लीजिये बड़े शर्म की बात है की हम लोग विदेशियों की संस्कृति को अपना रहे हैं । आजकल की जेनरेशन आज कल के बच्चे सब विदेश की तरफ भाग रहे हैं उनका खान पान , उनका पहनावा, उनकी बोल चाल उनकी सोच सब कुछ और बहुत गर्व के साथ में ये कहती हूँ वही विदेशी हमारी संस्कृति को अपना रहें हैं। 
कहने का मतलब है कि देशी विदेशी हो रहा है और विदेशी देशी।
अपने बच्चों को अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता के बारें में बताएं। उनको अपने त्योहारों के मायने बतायें। अभी समय हैं और समय रहते आप अपने बच्चों को नई रह नई सीख दे सकते हैं। कहीं ऐसा न हो की बच्चे विदेशी हो जाए और हमारे देश में बस ओल्ड एज होम ही रहे जाए।

मिलती हूँ जल्दी ही अगले ब्लॉग में अपना और अपनो का ध्यान रखें।
Take Care &Stay Safe

Wednesday, 7 July 2021

Toxic Relationship

 

Toxic Relationship


अगर आपने marriage issue वाली पोस्ट पढ़ी हैं तो मैंने उसमे टॉक्सिक रिलेशनशिप  के बारे में जिकर किया हैं। कुछ लोगों ने मेरे से पूछा की टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या हैं। तो सोचा चलो आज इसी पर बात की जाए।
आखिर टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या हैं।
क्या आप जानते हैं?
आज इसी टॉपिक पर बात करते हैं।
टॉक्सिक रिलेशनशिप ....वो रिलेशनशिप हैं जिससे आजकल के लड़के-लड़कियाँ या आपकी मैरेज लाइफ सफर कर रही हैं।
नहीं समझे ना... कोई नहीं।
वो रिलेशनशिप जिसमें पर्टनर एक दूसरे के साथ तो रहते हैं पर उस साथ का कोई मायने नहीं होता।
आप रहे तो रहे हैं, पर उस रिलेशनशिप का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अब उस रिलेशनशिप में वो प्यार-अपनापन नहीं है जिस प्यार के लिए आप खुद से अपने दोस्तों से अपने परिवार से लड़ चुके हों।
 टॉक्सिक रिलेशनशिप की सबसे बड़ी कमी यही है कि आपका पार्टनर आपके मान-सम्मान की कोई फिक्र नहीं करता। आपका प्लान, आपका वक्त उनके लिए कुछ मायने नहीं रखता। यही नहीं, ऐसे लोग दूसरों के सामने भी अपने पार्टनर के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। हाँ, एक बात और ऐसा नहीं हैं की टॉक्सिक रिलेशनशिप केवल उन लड़के-लड़कियों में देखा जाता हैं जो साथ में रहते हैं, रिलेशनशिप में हैं नहीं ये marriage issue का ही एक कारण हैं। जो में पहले भी बता चुकि हूँ।
क्या आप टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं :
बहुत सी बातें होतीं हैं, जिनसे ये जान सकते हैं की क्या हम टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं या नहीं

1).....रिलेशनशिप का ठीक से ना चल पाना आर्थिक स्थिति हैं। सभी को अपने पार्टनर से बहुत सारी उमीदें होतीं हैं। पार्टनर का स्टेट्स अच्छा हों आदि, मैरेज, दोस्ती या रिलेशनशिप, सब फाइनेंशियल  स्टेट्स पर निर्भर करता हैं। यही marriage issues का भी एक कारण हैं। फाइनेंशियल  स्टेट्स को लेकर मैंन बहुत से रिलेशनशिप टूटते देखें हैं।

2).....जब आपके पार्टनर से आपको मान सम्मान नहीं मिलता। आपका पार्टनर आपको टाइम नहीं देता। बात बात पर आपकी इंसल्ट कर रहा हैं। आपके दोस्तों के साथ भी उसका व्यवहार अच्छा नहीं रहता। टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे को गिल्टी फील कराने का कोई मौका नहीं छोड़तें।  बात बात पर आपकी उपेक्षा करना सब के सामने आपकी मजाक उड़ना ऐसी बातें रिलेशनशिप में बुरा असर डालती हैं।

3).....ऐसे रिलेशनशिप में पार्टनर कुछ भी आपस की बातें शेयर करना बंद कर देते हैं और एक-दुसरे को इग्नोर करना शुरू कर देते है। जो अच्छे रिलेशनशिप के लिए अच्छी बात नहीं ऐसी बातें रिलेशनशिप पर बुरा असर डालती हैं।

4)......पर्सोनालिटी को लेकर भी बहुत से रिलेशनशिप टूटते हैं। जैसे आपका पार्टनर बहुत अच्छा, गुड-लूकिंग हैं, लेकिन आपके किसी दोस्त के पार्टनर से अच्छा और गुड-लूकिंग नहीं हैं। ये भी रिलेशनशिप टूटने का एक कारण हैं।

5)......देखा जाता हैं, की पार्टनर एक दूसरे पर बात-बात पर रोक टोक करते हैं। यही कारण हैं रिलेशनशिप में लडाई झगड़े का, वो लोग एक दूसरे पर अपना अधिकार रखना चाहते हैं, ऐसे रिलेशनशिप में पर्टनर एक दूसरे को किसी भी तरह की आजादी नहीं देना चाहते हैं जो गलत हैं।

6).....हर कोई अपने रिलेशनशिप को स्ट्रांग बनाना चाहता है। जिस रिलेशनशिप में लव, ट्रस्ट एंड फेथ हो। अगर आपके  पार्टनर और आपके बीच में लव, ट्रस्ट एंड फेथ जैसा कोई भी रिलेशन ना हो तो समझ जाए आप टॉक्सिक रिलेशनशिप में है।

7).....पार्टनर के साथ ख़ुशी न मिलना भी एक बड़ा लक्षण है। हम रिश्ते क्यों बनाते हैं? ताकि एक-दूसरे के सुख-दुःख में साथ दे सके, एक-दूसरे के साथ सेफ फील कर सकें। पर जब ऐसा कुछ न रह जाए, तो रिश्ते के टूटने की शुरूआत हो जाती हैं। 

8).....टॉक्सिक रिलेशनशिप में दोनों पर्टनर के बीच शक का बीज इतना ज्यादा हो जाता हैं की पार्टनर् एक दूसरे के फोन, मेसेज, कॉल्स चेक करने लगते हैं, और अगर कोई व्यक्ति आपके पर्टनर के बारे में कुछ बोलता हैं तो आप उस व्यक्ति पर भरोसा करते हैं जो आपके लिए अंजान हैं। रिलेशनशिप में शक होना गलत हैं । शक रिलेशनशिप को कमजोर बनता हैं।


       टॉक्सिक रिलेशनशिप में दोनो पर्टनर एक-दूसरे के लिए अजनवी हो जाते है, प्यार अपनापन नहीं होता आपका पर्टनर आपको टाइम नहीं दे रहा हैं
आपकी फीलिंग्स आपकी रिस्पेक्ट उससे उसको कोई मतलब नहीं होता। तो क्यों और किस लिए आप ऐसे रिलेशनशिप में हैं। घुट-घुट कर जीना कोई जीना नहीं होता। छोड़ दीजिये ऐसी रिलेशनशिप जिस रिलेशनशिप का कोई फ्यूचर ना हो ।

कुछ सुझाव देना चाहती हूँ :

.....कोशिश करें, अगर कोशिश करने से आपकी रिलेशनशिप टूटने से बच सकती हैं तो कोशिश करें। 

......अच्छे रिलेशनशिप में शक जैसा कोई शब्द नहीं होना चाहिए। 

......एक दूसरे को थोड़ा टाइम दें। टाइम देने से प्यार मजबूत होता हैं। 

......कोई भी रिलेशनशिप प्यार, ट्रस्ट और फेथ से मजबूत होता हैं ना की मेहेंगे मेहेंगे गिफ्ट से। तो अपने रिलेशनशिप को फाइनेंशियल स्टेट्स से ना जोड़े। 

......रिलेशनशिप को एक-दूसरे का अधिकार ना समझें। 

......एक-दूसरे को हर तरह से खुश रखे। 

......एक दूसरे की प्रॉब्लम में एक दूसरे का साथ दें। 

......रिलेशनशिप में किसी भी तरह की गलत फ़ेमि ना आने दें। रिलेशनशिप को स्ट्रांग बनाए। बैठ कर बातों को सॉल्व करें। लड़ाई झगड़े से बात बिगड़ती हैं,संभलती नहीं हैं। 

......अपने और अपने पर्टनर को समझें, अपनी रिलेशनशिप पर ध्यान दें। 

मिलती हूँ जल्दी नेक्स्ट ब्लॉग में तब तक के लिए
अपना और अपनो का ध्यान रखे....

(Take Care & Stay Safe)







Friday, 2 July 2021

Marriage Issue💔

Marriage Issue💔

आपके हिसाब से marriage issue के किया कारण है। लड़का-लड़की या इनके घर वाले। आज इसी पर चर्चा करेंगे।
सबकी मैरिज लाइफ मे कुछ ना कुछ प्रॉब्लम आती हीं हैं। कभी काम को लेकर, कभी फैमिली मेंबर्स को लेकर या कभी आर्थिक तंगी के कारण, आपस में किसी के विचार ना मिलना, छोटी छोटी बातो में नोक-झोंक होना, दहेज प्रथा आदि बहुत से कारण है जिससे मैरिज लाइफ में प्रोबलम आती है।

आपका क्या मानना है?

.........मैं अपने भाई के लिए लड़की देख रही हूँ, वहा ज़दातार तलाकशुदा लड़के-लड़कियों के बायो-डाटा हैं। 

 मैंने बहुत सोचा की किसकी गलती से नौबत तलाक तक आ जाती हैं।


क्या सात फेरो का बंधन मात्र एक काग़ज़ के टुकड़े पर  साइन करने से खत्म हो जाता हैं?

नहीं, कभी नहीं। अगर आप लोगों के हिसाब से हाँ खत्म हो जाता हैं, तो में उन तलाकशुदा लड़के लड़कियों से पूछती हूँ की जब आप अपनी एक शादी ठीक तरह से नहीं निभा पाएँ, तो दूसरी कैसे निभा पाओंगे।

लड़की वाले बोलते हैं, लड़के और उसके घर वालों की गलती हैं, लड़के वाले बोलते हैं, लड़की और उसके घर वालों की गलती हैं। आखिर गलती किसकी और कहा है।
एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती गलती दोनों तरफ से होतीं हैं।
दूसरी बात अपनी शादीशुदा लाइफ को टाइम दें । प्रॉब्लम हर जगह आती हैं। समाज में रह रहे हों वहा प्रॉब्लम आयगी तो क्या समाज में रहना बंद कर दोगें, जहा काम करते तो वहा प्रॉब्लम आयगी तो क्या काम करना बंद कर दोगें।
प्रॉब्लम से लड़ना सिखों, भागना नहीं।
अपनी शादीशुदा लाइफ को टाइम दो प्रॉब्लम आने पर खत्म मत करो।
अब टाइम बहुत चेंज हों गया हैं, पहले जैसा नहीं रहा
की बहू को मार-पिट रहे हैं आदि। पहले टाइम में ये सब होता था, लड़की को मार रहे हैं, पिट रहे हैं
लड़की पर अत्याचार हो रहे हैं। तब ससुराल वालों की गलती हुआ करती थी। उस टाइम लड़की को परिवार चाहिए होता था, वो जो उसको प्यार करे और ससुराल वालों को एक बिना पैसों की नौकरानी चाहिए होतीं थी।
पर अब ऐसा नहीं हैं, समय बदल रहा लोग बदल रहे हैं। लोगों की सोच बदल रही हैं,लड़कें और लड़कियों में कोई भेद भाव नहीं है, सब एक समान हैं। फिर भी आज के समय में भी तलाक जैसा शब्द सुनकर मन को बहुत दुख होता है। और इन सबका असर  बच्चों पर पड़ता हैं। आप लोगों के छोटे मोटे झगड़ों से बच्चो की ग्रोथ रुक जाती हैं। अपने लिए नहीं अपने बच्चों के लिए सोचें।


कुछ कारणों की वजह से ऐसा देखने को मिलता है :

1) कुछ लड़कियाँ परिवार के साथ रहना पसंद नहीं करती।
2) गलत आचार-व्यवहार
3) सेक्स प्रॉब्लम
4) टॉक्सिक रिलेशनशिप

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5) पर्सोनालिटी प्रॉब्लम
6) Ego and Attitiute
7) दहेज प्रथा
8) आर्थिक स्थिति
9)आजकल लड़कियों को घर के कामों का शौक नहीं होता।
10) लड़कें-लड़कियों का शादी के बाद भी किसी दूसरे के साथ संबंध होना।
11) बात बात पर लड़ाई-झगड़ा होना नोक-झोंक होना।
बहुत से कई कारणों से हम शादी जैसे पवित्र बंधन को टूटता देखते हैं।
कहीं कहीं में देखती हूँ की परिवार की छोटी छोटी बातें घर के बाहर जाती हैं, सास बहू के बारे में , बहू सास के बारे में ये गलत हैं।
अगर आपको किसी की कोई बात बुरी लगती हैं, तो साथ में बैठ कर बातों को सुलझाये ।  समाज और रिश्तेंदारों को बताकर अपनी और परिवार की खिल्ली ना उड़ाए।
वो काम ना करें जो एक दूसरे को पसंद ना हो
इन बातों पर थोड़ा गोर करे, और अपनी मैरेज लाइफ में थोड़ा चेंज लाएं। लाइफ कितनी अच्छी लगने लागेंगी, आपको खुद अनुभव होगा। तलाक जैसा शब्द समाज से तो क्या दुनिया से खत्म हो जाएगा।


  कुछ सुझाव देना चाहती हूँ :

1) अपनों से बड़ों का आदर करें और अपने छोटो को प्यार दें।
2) शादी को समझौता ना समझें
3) बातों को आपस में बैठ कर सुलझाये
4) थोड़ा सहनशील बने
5) चुप रहे, अगर चुप रहने से आपकी मैरेज लाइफ बच सकती हैं, तो चुप रहे।
6) अपने पर्टनर पर ट्रस्ट करें।
7) अपनी मैरेज लाइफ में होनेस्टी लाएं।
8) अपनी पत्नी या पति की बराबरी किसी अन्य से ना करें।
9) छोटी छोटी बातों पर स्ट्रेस ना लें।

10) अपना थोड़ा टाइम फैमिली को दें।

11) घर में अगर दो बहू हैं, तो दोनों को बराबरी का मान दें।
12) एक बात और खास कर लड़कियों के लिए अपने पर्टनर को बात-बात पर फोर्स ना करें, की वो आपकी हमेशा साइड लें

13) दूसरों की लाइफ में दखल न दें। मैंने बहुत सी लड़कियों को देखा है, उनको अपनी शादी शुदा लाइफ से कोई मतलब नहीं होता। उन लड़कियों को दूसरों की लाइफ में दखल देना बहुत पसंद होता हैं ये गलत हैं। 


अब में इस लेख को यही विराम देती हूँ 🙏
 
मेरी किसी बात से या मेरे किसी शब्दों से आपको ठेस   पहोची हों बुरा लगा तो दिल से माफी चाहती हूँ। माफ़ कीजियेगा। मेरा आपका दिल दुखाना नहीं था।

बस इतना कहना चाहती हूँ की शादी जैसे पवित्र बंधन को समय दे। इतनी जल्दी कोई भी फेसला ना ले। एक पेड़ को भी समय लगता हैं फल-फूल देनें में। 

 मेरा मानना हैं, की लाइफ में थोड़ी बहुत नोक-झोंक होतीं रहनी चाहिए। यही नोक-झोंक रिश्तें में काले टिके का काम करती हैं। इस प्यार भरे रिश्तें में एक काले टिके का होना बहुत जरूरी हैं।

एक बार सोचियागा जरूर।

🙏राधे-राधे🙏

एक आम