"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"
हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान और पुरुष प्रधान देश हैं।
पुरुष प्रधान देश होने के कारण सदियों से औरतों और लड़कियों पर अत्याचार होते आए हैं, और कन्या भ्रूण हत्या भी इसी पुरुष प्रधान देश की ही देन हैं।
क्या आप जानते हैं बेटियों की जनसंख्या कम होने का मुख्य कारण क्या हैं?????
जी हां आप सही हैं.…....भूर्ण हत्या, दहेज़ प्रथा
भूर्ण हत्या: बेटियों के जन्म–दर स्तर कम होने का एक मुख्य कारण भूर्ण हत्या हैं। लोग अल्ट्रासाउंड से पेट में पल रहे बच्चे का पता लगा लेते हैं और बेटी होने पर उसको पेट में ही मार दिया जाता हैं।
अब सरकार द्वारा इस प्रथा पर रोक लगा दी गई हैं। और ऐसा करने वाला दंड का अपराधी होता है । अगर डॉक्टर ऐसा काम करते मिले तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता हैं और कड़ी कारवाही होती हैं।
दहेज प्रथा: बेटियों के जन्म दर का स्तर कम होने का दूसरा मुख्य कारण दहेज प्रथा है। वैसे देखा जाए तो भूर्ण हत्या का मुख्य कारण दहेज प्रथा है। जब लड़की की शादी होती हैं और लड़के वालों को मनचाहा दहेज़ नहीं मिलता तो वह लड़की पर अत्याचार करते हैं। कभी कभी लड़की खुद ही आत्महत्या कर लेती हैं ससुराल अत्याचार से।
लड़कियों को इतना सक्षम बनाना चाहिए जिससे उसे सही गलत का पता हो और गलत होने पर या किसी भी तरह का अत्याचार ससुराल अत्याचार पर वह अपने लिए आवाज़ उठा सकें।
लडकियों के लिए भारत सरकार द्वारा बहुत सी स्कीम भी चलाई गई है जिससे लडकियों को काफी मदद मिलती है।
जैसे की सुकन्या समृद्धि योजना, लाडली योजना आदि। और भी बहुत सी योजनाएं हैं, जिससे लडकियों को भरपूर लाभ मिलता है।
उनमें से ही सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ हैं। जो हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाई गई हैं।
आज हम बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना पर बात करेंगे।
हमारे देश के पुरुष प्रधान की सोच को सुधारने और कन्या भूर्ण हत्या को रोकने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुवात की गई।
इस योजना के तहत महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय शामिल हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भूर्ण हत्या को रोकना, पुरुष और महिला लिंग अनुपात में संतुलन और महिलाओं को शिक्षित करना।
और सच में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ने देश की बेटियों की तकदीर ही बदल दी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी और भी आभियान है, जो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे हैं।
लड़कियों के साथ शोषण का मुख्य कारण लड़कियों का अशिक्षित होना हैं। अगर हम शिक्षित हैं, तो हमें सही गलत का पता होगा, और हमारे साथ कुछ भी गलत नहीं होगा।
अगर लड़की शिक्षित होगी तो उसको बोझ नहीं समझा जाएगा, और ना ही कन्या भूर्ण हत्या होंगी। इसीलिए बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू किया गया जिससे ज्यादा से ज्यादा देश की बेटियां शिक्षित हों, और उनका विकास हों क्योंकि जब बेटियों का विकास होगा तभी देश का विकास होगा।
देश के हर इंसान का पूरा हक है की वह देश में चल रहे लड़के और लड़कियों के बीच में भेद भाव को रोके और कन्या भूर्ण हत्या पर विरोध करें।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 22 जनवरी 2015 पानीपत, हरियाणा से शुरू की गई। हरियाणा में इसलिए शुरू की गई थी क्योंकि वहां उस समय 1000 लड़कों पर सिर्फ 775 ही लड़कियां थीं।
शुरुवात में इस योजना को पूरे देश के 100 जिलों में शुरू किया गया। जहां का लिंगानुपात बहुत ज्यादा गड़बड़ा गया था। वहा पर इस योजना को प्रभावी ढंग से शुरू किया गया।
बिना महिलाओं के शिक्षित के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना सफल नहीं हो सकती हैं। ऐसा कोई काम नहीं जो महिलाएं नहीं कर सकती आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। देश की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जी से लेकर कल्पना चावला तक महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया हैं।
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश
बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें सही/गलत के बारे में अवगत कराना। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना है। इस योजना के माध्यम से लोगों को बताना उन्हें जागरूक करना की लड़के और लड़कियों में कोई भेद भाव नहीं है। बेटियों को भी बेटों की तरह समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान केवल एक योजना नहीं हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पुरुषों की सोच को बदलना और इस पुरुष प्रधान समाज को खत्म करना हैं।
इस योजना में सबसे पहले संपूर्ण भारत में पूर्ण गर्भाधान और प्रसव निदान तकनीक अधिनियम 1944 लागू किया गया।
इस अधिनियम में ऐसा कोई भी काम करता पकड़ा गया तो वह दंड का भागीदार होगा।
यदि कोई चिकित्सक भूर्ण लिंग परीक्षण करता पकड़ा गया या भूर्ण हत्या का दोषी पाया गया तो उस पर कड़ी कारवाही होगी
और लाइसेंस रद्द के साथ दंड का भागीदार होगा।
इसी के साथ अगर कोई भी व्यक्ति अपनी बहू–बेटी के भूर्ण लिंग परीक्षण करता पकड़ा गया तोदंड का भागीदार होगा।
साथ ही साथ ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।
अब हर क्लिनिक और हॉस्पिटल में साफ साफ लिखा होता है
भूर्ण लिंग की जांच करना कानूनी अपराध है। ऐसा करने वाला दंड का भागीदार होगा।
इन योजनाओं से इन प्रयासों से लोगों की सोच काफी हद तक बदली हैं और सकारात्मक परिणाम भी मिलें हैं।
कहते हैं लड़का और लड़की गाड़ी के दो पहिए होते हैं। जैसे गाड़ी का एक भी पहिया कम हो जाए तो गाड़ी नहीं चल सकती वैसे ही जिंदगी और देश की गाड़ी भी लड़के और लड़कियों दोनों के सहयोग से चलती हैं।
मिलती हूं अगले ब्लॉग में।
Thanku and take care
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