Friday, 31 December 2021

नया साल का नया सफर...Happy New Year🎊🎉

नया साल का नया सफर


धीरें धीरें करके सभी त्योहार आकर खुशियाँ देकर चलें गए। इन सबको पीछे छोड़ कर जल्द ही एक नए सफर की शुरुआत करने के लिए आप और हम सबके दिलों पर दस्तक देनें के लिए नया साल भी आने वाला है ,और हमारा और आपका नया सफर भी शुरु होने वाला है।  हम सब इस नए साल पर कुछ-ना-कुछ नया करने की भी सोचते हैं।
सब अपनी कुछ-न-कुछ-कुछ पुरानी आदतों बातों को भूल कर एक नए सफर की शुरुआत करते हैं।
नए साल के आगमन का स्वागत बहुत धूम धाम से होता है। साल को विदा भी हस्ते मुस्कुराते किया जाता हैं।

"कभी हस्ती हैं तो कभी रुलाती हैं, ये ज़िन्दगी भी ना जाने कितने रंग दिखाती हैं।"

  वो कहते हैं न -" शामें कटती नहीं और साल गुजर जाते हैं ", देखते ही देखते , कैसे एक साल गुजर गया पता ही नहीं चला । मुझे कुछ इडिया भी नहीं था कि में ब्लॉग लिखुंगी, मैनें ब्लॉग लिखना शुरू किया और नहीं जानती की ब्लॉग को छोड़ कर कुछ और भी लिखूगी । आने वाले नए साल में कुछ नया करने की कोशिश भी करुगी। सही कहते हैं....ये जिंदगी हैं साहब.....कब कौन सा रंग दिखाते कोई नहीं जानता ।

2021 को अलविदा कहने सूरज अपने सफर पर निकल पड़ा हैं, और 2022 को सलामी देनें फिर यही सूरज कल भी आएगा ।


आइए थोड़ा 2021 की तरफ़  चलते हैं..…....

2021 कुछ लोगों के लिए अच्छा रहा होगा तो कुछ के लिए बुरा
2021 में बहुत लोगों ने अपनों को खोया हैं। इस कोरोना ने ना जानें कितने घर बरबाद किए हैं। कितने बच्चें ने अपनें माता पिता को खो दिया हैं। तीज त्यौहार ने भी कोरोना की जगह ले ली। 2021 किसी के लिए आंसू और किसी के लिए खुशियां लाया।
कुछ गलतियां हमारी भी हैं। ये तो कोरोना वायरस हैं।
हम तो नॉर्मल रूल्स, ट्रैफिक रूल्स तक फॉलो नहीं करते। फिर सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना वायरस के रूल्स को क्यों फॉलो करेगें। मास्क, सेनिटाइजर का यूज लोगो की हैबिट नहीं जबरदस्ती बन गया था। लोग मास्क लगाना पसंद नहीं करते जो लगाते हैं वो ठीक से नहीं लगाते हैं।
मैं अभी भी मार्केट आते जाते देखती हूं कोई भी मास्क लगाना नहीं चाहता। अभी भी 35 % लोग ही ठीक से मास्क लगाए दिखते हैं। इधर उधर गन्दगी फैलाना, थूकना सब चल रहा है।
आप कोरोना वायरस को कम नहीं दुबारा से बुला रहे हैं।

आप खुद ही देख लीजिए हमारी अपनी गलतियों की वजह से कोरोना फिर से ओमीक्रोन का रूप लेकर दुबारा वापस आ गया है।

अगर आप चाहते हैं की 2021 जैसा सफ़र 2022 जैसा ना हो
तो ख़ुद से और आने वाले नए साल से वादा करें की इस कोरोना को जड़ से फेंक देंगे। और ये तभी होगा जब सब मास्क और सेनिटाइजर का यूज करेंगे। साफ सफाई का ध्यान रखेंगे।

2021 में मेरा अपना सफ़र..........

2021 में मेरा सफर भी कुछ खास नहीं रहा। ठीक ही रहा है, बस हमेशा एक डर ही बना रहा ।
June 2021 में मैंने ब्लॉग्स लिखना शुरू किया । मेरे ब्लॉग्स आप सभी के लिए कितने फ़ायदेमंद रहें या नहीं रहें मुझे नहीं पता। लेकिन आने वाले साल में मैं कोशिश करूगीं की में आपके लिए अच्छे, फायदेमंद और मनोरंजन ब्लॉग्स लिखूँ ।

कैसी हो नए साल कि तैयारी.........

आज बहुत लोग एक दूसरे के साथ आने वाले नए साल का सेलिब्रेट 🎉🎉🥳🥳 करेंगे। कोई फैमिली👪 के साथ कोई फ्रेंड्स👭👬के साथ कुछ लव बुर्ड्स 😍 भी होंगें ।
सब एक दूसरे को अच्छे अच्छे गिफ्ट्स 🎁 भी देंगे ।

आप कुछ भी गिफ्ट्स दें..... रोमांटिक डेट, मेहंगे गिफ्ट्स, पार्टी या जो भी आपका मन हो.......

अपने पार्टनर को जो भी गिफ्ट्स दे रहें हैं दें, आपने अपने पार्टनर के साथ सेलिब्रेशन की जो भी प्लानिंग की हैं, करें लेकिन उनसे एक प्रोमिस जरूर करें की आने वाले नये साल में प्यार और दुगना होगा , विश्वास होगा, प्यार भरा साथ और मजबूत होगा ।

आप अपने पैरेंट्स को जो भी मेहगें गिफ्ट्स दें रहें हैं वो भी दें लेकिन उसने एक प्रोमिस जरूर करें की उनके बच्चें उनका साथ कभी नहीं छोड़ेगें ।

आप सभी ने नए साल की बहुत सी प्लानिंग की हुई होंगी। कॉमेंट करके मुझे जरुर बतायें.....

नए साल की प्लानिंग को देखते हुए मेरी कुछ टिप्स......

........ आप अपनी फैमिली के साथ सेलिब्रेट करें, फैमिली के साथ बिताया हुआ टाइम वापस नहीं आएगा और एक यादगार लम्हा रहेगा
........ आप अपने पट्नेर को डेट पर ले जा सकते हैं, पर वायरस के बढ़ते आप सब घर पर ही सेलिब्रेशन करें।
........ आप अपने पट्नेर को अच्छा गिफ्ट्स दे सकते हैं ।
........ आप अच्छा सा डिनर प्लान कर सकते हैं
आप जिसके भी साथ सेलिब्रेट कर रहें हैं सेलिब्रेट ऐसे करें जो उनको हमेशा याद रहें ।

अंत में आप सभी को नए साल 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं।  आशा है नया साल आप सभी के लिए नई उमीदें लेकर आए । नए साल पर आप सभी के नए सफर की शुरुआत अच्छे से हों। 

"Stay Safe Stay Home"

"Happy New Year To All Of You"


Sunday, 26 December 2021

Christmas Day 🎄🎄

Chritsmas Day


25 दिसंबर को हर साल क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसा मसीह क्रिश्चियन समुदाय के भगवान हैं।
ईसा मसीह ने सबको प्रेम का पाठ पढ़ाया हैं। 25 दिसंबर का दिन बहुत धूम धाम से मनाते हैं। ये पर्व 12 दिन तक चलता हैं। पूरे विश्व में ये पर्व बहुत अच्छे से मनाते हैं। बहुत अच्छे से हर शहर हर दुकानों को सजाया जाता हैं।


इस पर्व को मानने का एक मुख्य उद्देश्य सबको प्यार का संदेश देना है।
12दिनों के इस फेस्टिवल को क्रिट्समैस नाइट कहते हैं। ये 6 जनवरी तक चलता हैं। घर को अच्छे से सजाते हैं।
क्रिस्टमैस ट्री 🎄🎄 को डेकोरेट करते हैं। केक🎂🎂 पेस्ट्री🍰🍰 बनाकर ईसा मसीह का बर्थडे सेलीब्रेट करते हैं।

इस दिन सभी एक दूसरे के घर जाते हैं। एक दूसरे को गिफ्ट्स देते हैं। इस दिन बच्चे सांता 🎅  से विश मांगते हैं और उनको विश्वास भी होता हैं की सांता🎅 उनकी विश जरूर पूरी करेगें


अब बात आती हैं क्रिट्समैस क्यों मनाते हैं.......

इस दिन ईसा मसीह यीशु का जन्म हुआ था। ईसा मसीह के जन्म दिवस को ही क्रिट्समस के रूप में मनाया जाता हैं।
क्रिसमस का दिन जीजस क्रिस्ट का जन्म दिवस माना जाता हैं।   बहुत सी कहानियां भी है और बहुत से तथ्य भी हैं उन्हीं तथ्य के अनुसार कहा जाता हैं... इनके जन्म के समय गॉड ने मनुष्य को  संकेत दिए थे कि उनकी रक्षा और उन्हें ज्ञान देने के लिए ईश्वर का एक अंश मसीहा के रूप में आप सभी के बीच जन्म लेने वाला हैं।

जीजस क्रिस्ट जिनको हम ईसा मसीह यीशु के नाम से भी जानते हैं आइए इनके बारे में और बात करते हैं......

ईसा मसीह की माँ का नाम मरियम  मेरी और पिता का नाम जोसेफ था । जब इनका जन्म होने वाला था। तब इनके माता पिता की शादी नहीं हुई थी, इनके पिता एक कारपेंटर थे। इनके जन्म के समय गॉड ने इनके माता पिता को ईसा मसीह के दिव्य होने का संदेशा एक परी के जरिये भिजवाया था और बहुत से ज्ञानी महात्मा लोगो को भी इस बात का पता था, कि ईश्वर का अंश जन्म लेने वाला हैं। इनके जन्म के समय इनके माता पिता एक जंगली इलाके में फंस गये थे, वही कई जानवरों के बीच जीजस का जन्म हुआ था, जिसे देखने कई महान बुद्धिमान लोग आये थे । कहा जाता हैं वह दिन क्रिसमस का दिन था।
इनके बारे में और भी बहुत सी कहानियां और तथ्य हैं।

आइए अब बात करते हैं क्रिसमस ट्री की🎄क्रिसमस ट्री🎄 क्यों सजाते हैं......

क्रिसमैस डे पर सबसे ज्यादा महत्व क्रिट्समैस ट्री का हैं। क्रिट्समैस ट्री सजाने के ऊपर बहुत सी कहानियां भी हैं।
कहा जाता हैं कि जब जीजस का जन्म हुआ था तो सभी देवताओं ने सदाबहार वन सजाए थे। तभी से ही क्रिट्समैस डे पर क्रिट्समैस ट्री सजाने की प्रथा हैं।  क्रिसमस ट्री 🎄 के ऊपर भी बहुत सी कहानियां और तथ्य हैं.....कहा जाता हैं कि क्रिट्समैस डे पर सदाबहार वन को सजाने की प्रथा जर्मन से शुरू हुई।


अब बात आती हैं क्रिसमस डे कैसे मनाते हैं......

जैसा कि मैं आपको पहले भी बता चुकी हूं। क्रिट्समस डे पर
घर को अच्छे से डेकोरेट🎈🎈 करते हैं। क्रिसमस ट्री 🎄 सजाते हैं।
केक 🎂🎂 पेस्ट्री 🍰🍰 बनाकर सबके साथ ईसा मसीह का जन्म दिन क्रिट्समस डे सेलिब्रेट करते हैं। एक दूसरे के घर जाते हैं। एक दूसरे को गिफ्ट🎁🎁 देते हैं। इस दिन बच्चे सांता 🎅  से विश मांगते हैं और उनको विश्वास भी होता हैं की सांता🎅 उनकी विश जरूर पूरी करेगें।
मेरी भी एक विश है सांता 🎅 से जल्दी सब ठीक कर दीजिए । और कोरोना को जल्दी भागा दीजिए। सब खुश रहें हैपी रहें सबको ब्लैसिंग दें।

Thankuuuu my santa 🎅😊

Jingle bells, jingle bells,
Jingle all the way.
Oh what fun it is to ride
In a one-horse open sleigh, hey!
Jingle bells, jingle bells,
Jingle all the way.
Merry Christmas 🎄 To All My Friends & Family🥳🎉🎁🎄🎈🎂🍰

Wednesday, 8 December 2021

मेरा बचपन


Mera Bachpan


मेरा अपना.........बचपन कैसे भूल जाऊं बचपन की बहुत याद आती हैं बचपन की वो यादें। कितना मासूम, सुहाना था मेरा बचपन ।
अब बचपन नहीं बस यादें ही रहें गई हैं। काश कोई ऐसा दरवाज़ा होता या कोई ऐसी कोई चीज़ होती जिससे मैं उस पार वापस अपने बचपन में चलीं जाती। वक्त की रेस में हम सब कितनी आगे चले गए हैं। सब यार–दोस्त पीछे छूट गए हैं ।
बचपन की वो मीठी यादें जिन्हें हम आज भी याद करते हैं। वो अब एक सपना सा बन गया है।

बचपन में ना कोई गम था, कोई ज़िम्मेदारी नहीं थी,ना किसी बात की परेशानी थी,ना किसी बात का डर । शायद ही कोई ऐसा होगा जिसको बचपन याद ना आता हो। बचपन की मीठी यादें, बचपन की मीठी बातें कितनी याद आती हैं। जीवन का असली आनंद बचपन ही हैं।

दादी–बाबा, नानी–नाना की कहानियां। माता–पिता का प्यार दुलार, छोटे–बड़े भाई–बहनों से प्यारी भरी नोक–झोंक । बचपन के वो यार–दोस्त वो खेल खिलौने बहुत याद आते हैं।

उन दिनों त्योहारों का भी अपनी अलग रौनक थी। अब वो बात नहीं हैं त्योंहार कब आकर चले जाते हैं पता ही नहीं चलता।
बचपन में होली बहुत खेली हैं। एक दूसरे के घर जाकर रंग लगाना, एक दूसरे पर पानी डालकर भाग जाना आज भी याद आता हैं।
बचपन की बारिश.….. बचपन की बारिश का भी अपना एक अलग मज़ा था। बारिश में पेपर बोट⛵ बनना, बारिश में मस्ती करना भीगना फिर मम्मी की डांट खाना।

वो स्कूल के दिन भी बहुत याद आते हैं।  स्कूल की बजती  घंटी, स्कूल ड्रेस में मस्ती करते करते स्कूल जाना। स्कूल होमवर्क, वो टीचर्स के साथ बतियाना, मैथ टीचर से छुप जाना। वो टीचर्स की डांट–प्यार आज भी सब याद आता हैं।
फ्री पीरियड में खूब मस्ती करना। शोर मचा कर पूरे क्लास में हंगामा करना। दोस्तों के साथ टिफ़िन शेयर करना। स्कूल की कैंटीन के गर्म गर्म समोसे और छोले भटूरे मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। 

छुट्टी के टाइम स्कूल गेट पर खड़े बैर और इमली वाले अंकल जी। दुकानों पर खट्टी मीठी गोलियां भी मिलती थी। वो बेर, इमली ,खट्टी–मीठी गोलियां अब कहा कुछ मिलता है।


बचपन में पोस्म पा, खो-खो, छुपन- छुपाई और तेज दौड़ लगाने वाले खेल खेलते थे। रोज किसी ना किसी को परेशान करके भाग जानें में भी अपना एक अलग मज़ा था। पहले यही सब खेल थे। उसी में बहुत आनंद आता था। मुझे आज भी याद है, एक आवाज़ पर सब बाहर निकल कर आ जाते थे। आने का टाइम फिक्स था। घर पर जानें का कोई टाइम नहीं रहता था।
कितना मज़ा आता था।

गर्मियों की छुट्टियों का भी बहुत इंतज़ार रहता था। कभी मामा के घर, कभी मौसी के घर। कभी सबका एक साथ कहीं बाहर घूमने जाना।

मुझे आज भी याद हैं, उन दिनों लाइट भी बहुत जाती थी,और यूपी का हाल लाइट को लेकर बहुत ख़राब था। गुस्सा भी बहुत आता था, गर्मियों की छुट्टियां और लाइट गुल, पर वो गर्मियों की छुट्टियों में सबका एक साथ बैठ कर हँसी ठिठौली करना, तरह तरह के खेल खेलना, अंतराक्षी... उन गर्मियों का भी अलग मज़ा था क्योंकि हमारे टाइम में मोबाइल डिश टीवी ये सब नहीं हुआ करते थे। हां टीवी और छत पर लगा एंटीना वो हर घर में था। बस दो चैंनल आते थे.... डीडी नैशनल और मेट्रो ।  हर संडे रामानन सागर जी की रामायण, श्री कृष्णा या कभी कुछ अच्छा आता था और टीवी धोखा दे जाता था। तो हर घर की छत से एक आवाज आती थी........ "आया के नहीं"  कभी टीवी को पीट पीट कर ठीक करना । कभी केबल कैच हो जाता था तो उस खुशी का भी अलग मज़ा था

इन गर्मियों की छुट्टियों के बाद हमारे यहां , नुमाईश लगती थीं।
अभी भी लगती हैं । सब बदल गया सब पीछे छूट गए, बस ये नुमाइश ही बचपन की एक ताज़ी यादों में से एक हैं।


मेरा बचपन बहुत ही आनंदमय रहा है जिसमें न कोई भय न कोई फिक्र थी। हमेशा अपनी मर्जी चलती थी। काश! मैं एक बार फिर से बच्चा बन जाती और अपना बचपन दोबारा जी पाती।











Tuesday, 30 November 2021

ज़िम्मेदारी........

ज़िम्मेदारी........


वैसे तो जिम्मेदारियाँ मनुष्य के जन्म लेते ही उसके साथ जुड़ जाती हैं। एक व्यक्ति की जिम्मेदारी दूसरे की ताकत और सफलता बनती है, जिन पर चढ़कर व्यक्‍ति अपने परिवार समाज और देश की तरक्की करता हैं।

अगर बात की जाए की ज़िम्मेदारी किया हैं...तो......
कर्तव्यों का दूसरा नाम ज़िम्मेदारी हैं।  किसी भी व्यक्ति के लिए जो कर्तव्य है उसी का नाम ही ज़िम्मेदारी हैं। सब किसी न किसी ज़िम्मेदारी से जुड़े हैं। जीवन में ज़िम्मेदारी का होना बहुत जरुरी हैं। इसी का नाम जिंदगी हैं।


आज मैं अपनी ही एक सेहली पूजा की बात करती हूं.......

पूजा दो भाई–बहन हैं। पूजा बड़ी हैं। घर में बड़ी, लेकिन बचपन से ही बहुत चुलबुली थीं। सबके साथ घुलमिल जाना सबको खुश रखना। पूजा बहुत मस्ती करती थी। स्कूल–क्लास में सब उससे बहुत खुश रहते थे। दिल की बहुत साफ़ सबकी हेल्प करना उसको बहुत अच्छा लगता था।

पूजा को किसी बात की कोई टेंशन नहीं रहतीं थीं । वैसे भी बचपन में किसी बात की कोई ज़िम्मेदारी टेंशन होती ही नहीं हैं। सब काम मम्मी–पापा या बड़े भाई–बहन किया करते हैं। पूरी तरह से मम्मी पापा पर निर्भर रहना। काम कब हो जाता हैं पता नहीं चलता।

स्कूल से कॉलेज में आए। थोड़ी ज़िम्मेदारी आई। पर उस टाइम भी वो ज़िम्मेदारी, ज़िम्मेदारी नहीं थी।
हां स्कूल का काम मम्मी पापा के बिना नहीं होता था और कॉलेज में आने के बाद अपना काम खुद ही करना होता था। यहां थोड़ी ज़िम्मेदारी आ गई थीं। वैसे तो मम्मी पापा के बिना तो कोई काम नहीं होता लेकिन कॉलेज में आने के बाद पूजा की कोशिश यही रहती थीं कि अपना काम खुद करें। क्योंकि उसके मम्मी–पापा दोनों जॉब करते थें।

कॉलेज खत्म हुआ। पूजा का रिश्ता हो गया। मुझे पूजा ने जब रिश्ते के बताया तब मैं सुनकर हैरान तो थी पर खुश भी थी आखिर पूजा का रिश्ता हो गया हैरान इसलिए थी कि पूजा मैं बचपना बहुत था। उसको किसी बात की समझ नहीं थीं । समय बीतता गया वो टाइम आ गया और चुलबुली मासूम पूजा की शादी हों गई अब यहां आकर पूजा पर थोड़ी ज़िम्मेदारी आ गई थीं।

सुबह उठना, सबके लिए नाश्ता, नाश्ते के बाद, दुपहर के खाने की तैयारी, फिर शाम के चाय का सोचना, चाय के साथ किया बनेगा। रात होते ही खाने की तैयारी। सबकी पसंद ना पसंद सबका ध्यान रखना ।

मैं पूजा के लिए थोड़ी चिंतित इसलिए थी क्योंकि......उसके साथ ये सब पहले नहीं था मतलब शादी से पहले क्योंकि किसी बात की ज़िम्मेदारी नहीं थी। कब नाश्ता खाना बन जाता था पता ही नहीं चलता था। उसमें तो भाजी तरकारी खरीदने की भी समझ नहीं थीं।

पूजा के ससुराल में....दादा ससुर, सास, ससुर, ननंद।
पति घर से बाहर रहते थे। दिल्ली में जॉब थीं। पूजा बड़ी थीं तो ज़िम्मेदारी भी बड़ी थी। खेर समय बीतता गया। थोड़े उतार चढ़ाव आए पर उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखती थी। उतार चढ़ाव तो सबकी लाइफ में आते ही हैं।
अच्छे से उसने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई और निभाते आ रही हैं। उसकी शादी को आज नौ साल हों गए हैं।
हम सब उसको देखकर दंग रहे जाते हैं की ये वहीं पूजा हैं जिसको किसी बात की कोई टेंशन नहीं रहती थीं कोई ज़िम्मेदारी कुछ नहीं  हम सब उसको चिड़ाते रहते थे कैसे करेंगी ये लड़की और आज पूजा अच्छे से अपने घर परिवार की ज़िम्मेदारी निभा रहीं हैं। श्री राधे रानी जी की कृपा से उनके आशीर्वाद से सब अच्छे से चल रहा हैं।

पूजा की शादी के कुछ साल बाद उसके दादा ससुर जी का देहांत हो गया। उनके बाद उसकी सास का भी देहांत हो गया। ज़िम्मेदारी अब आकर बढ़ गई थीं । क्योंकि अब घर में वहीं ही बड़ी रह गई थीं। ससुर जी थे पर वो काफी बुजुर्ग थे। घर एक महिला से चलता हैं घर मे पूजा ही अब बड़ी रह गई थी।

पूजा की सास के देहांत के बाद एक ज़िम्मेदारी थी ननंद की शादी.......और ये ज़िम्मेदारी कोई आम ज़िम्मेदारी नहीं थीं।
पूजा और उसके पति आशीष दोनों बहुत परेशान भी रहते थें। पूजा इसलिए ज्यादा परेशान रहती थी,क्योंकि कुछ कमी हो गई , या परिवार अच्छा नहीं मिला या ननंद खुश नहीं हैं तो सब पूजा को ही दोष देंगे।

खैर........2019 में ननंद का रिश्ता हों गया। देखा–दिखाई, शॉपिंग । शादी की पूरी ज़िम्मेदारी पूजा और उसके पति आशीष के ऊपर थी। पूरी ज़िम्मेदारी के साथ ननंद की शादी मेरठ के एक अच्छे और सम्पन परिवार में हुई हैं। आज 2 साल हो गए हैं भगवान जी के आशीर्वाद से सब ठीक चल रहा हैं।

पूजा अपने मायके में भी बड़ी थीं भाई छोटा है उसका वैसे छोटे तो छोटे ही होते हैं। 2020 में उसके पापा का देहांत हो गया अब उसकी ज़िम्मेदारी और बढ़ गई घर और ससुराल दोनों का देखना। अब उसकी एक ज़िम्मेदारी अपने भाई की शादी की हैं।

जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती हैं। निरंतर बढ़ती रहती हैं। इसी का नाम जिंदगी हैं।

मैं भी अपनी पूरी ज़िम्मेदारी के साथ जल्दी ही मिलती हूं अगले ब्लॉग में।

Saturday, 27 November 2021

Vitamin "C"

 Vitamin "C"

यू तो विटामिन टू टाइप्स के होते हैं।

वाटर सॉल्युबल एंड फैट सॉल्युबल। वाटर एंड फैट सॉल्युबल के भी अलग अलग टाइप्स और फायदे हैं।

आज हम वाटर सॉल्युबल विटामिन सी की बात करेंगे।

विटामिन सी को एस्कार्बिक एसिड के नाम से जाना जाता हैं।


Benefits of vitamin "C"

विटामिन सी.....शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं और घाव को तेजी से भरता है। इसलिए विटामिन सी को डाइट में लेते रहना चाहिए। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट हैं, जो ऊतकों को ठीक करने में सहयता करता हैं और शरीर में होने वाले सूजन को कम करता हैं।

विटामिन सी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायता करता है। विटामिन सी का सेवन। विटामिन सी ब्लड सेल्स को रिलैक्स करता है जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है और हृदय सम्बंधित रोग भी कम होते हैं।

विटामिन सी आयरन अवशोषित करने सहायता करता है।
आयरन अवशोषण के लिए विटामिन सी अच्छा तत्व हैं।

विटामिन सी कोरोना वायरस में डॉक्टर्स ने भी विटामिन सी लेने की सलाह दी हैं। इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए विटामिन सी को अपनी डाइट में लेते रहना चाहिए।

विटामिन सी न केवल हमारी सेहत बल्कि हमारी सुंदरता में भी चार चांद लगा देता है। 

विटामिन सी आंखों के लिए बहुत अच्छा है तत्व है, और आंखे हेल्थी रहती हैं।

विटामिन सी हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।

विटामिन सी चोट या घाव को भरने में मदद करता है।


Sources of vitamin "C"

Vitamin "C".......खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, बेर, कटहल, शलगम, पुदीना, अंगूर, टमाटर, अमरूद, सेब, केला, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया, और पालक विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। 

शरीर में विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए प्रतिदिन अपनी डाइट में विटामिन सी का सेवन प्राकृतिक रूप से करना चाहिए।


प्राकृतिक रूप के अलावा विटामिन सी को हम टैबलेट्स द्वारा भी डेली अपनी डाइट में ले सकते हैं।


विटामिन सी की कमी.........

शरीर में विटामिन सी की कमी होने पर सबसे पहले आपकी इम्यूनिटी पर असर पड़ता है, विटामिन सी की कमी होने पर आपकी इम्यूनिटी भी कमज़ोर होने लगती हैं, और इम्यूनिटी के कमज़ोर होने से शरीर कमजोर होने लगता है, और कोई न कोई बीमारी लगी रहती है।

विटामिन सी की कमी के कई लक्षणों से पहचान सकते हैं।

1.....विटामिन सी की कमी से शरीर में कमजोरी महसूस होती है।

2.....स्कर्वी रोग की मुख्य वजह विटामिन सी की कमी है।

3.....शरीर में विटामिन सी की कमी होने पर मसूड़ों से खून आने लगता है और सूजन आ जाती है।
4.....आपकी त्वचा पर लाल चकत्ते होने लगते हैं।

5.....दांत कमजोर हो जाते हैं।

6..... कोलेजन की मात्रा कम होने लगती है।

विटामिन सी के फायदें तो सभी को पता हैं। क्या किसी को ये पता हैं विटामिन सी के नुकसान क्या हैं। कहते हैं हर चीज़ के नुकसान और फ़ायदे भी होते हैं।
आइए विटामिन सी के नुकसान को देखते हैं.......

विटामिन सी की अधिक मात्रा के नुकसान...........

अधिक मात्रा में विटामिन-सी लेने से शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं..........


 विटामिन सी  हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी हैं.....लेकिन हर चीज़ की एक सीमित मात्रा होती हैं, डाइट में कुछ भी लें रहें हों एक सीमित मात्रा में लेना चाहिए।
विटामिन सी की मात्रा ना तो अधिक और ना कम होनी चाहिए। अधिक मात्रा में लेने से पेट खराब, डायरिया और किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है। पेट खराब और डायरिया तो एक आम समस्या हैं, लेकिन किडनी में पथरी की समस्या गंभीर है, जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिए विटामिन सी को सीमित मात्रा में लेना चाहिए।

विटामिन सी को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Take care and stay safe


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Monday, 22 November 2021

"Health Care In Winter Season"

 "Health Care In Winter Season" 

(winter season part 1)



सर्दियों का मौसम शुरू हो गया हैं। सोचा क्यों ना आप सबके साथ सर्दियों का मौसम सेलिब्रेट किया जाए । सर्दियों का मौसम शुरू होते ही सबके मुंह से एक ही बात सुनने को मिलती हैं ठंडी लग गई।

शरद ऋतु भारत में चारों ऋतुओं में सबसे ठंडी ऋतु होती है। यह दिसम्बर के महीने में पड़ती है और मार्च में होली के दौरान खत्म होती है। दिसम्बर और जनवरी को शरद ऋतु के सबसे ठंडे महीने माने जाते हैं। 

वैसे भी ठंडी के मौसम का अपना ही अलग मज़ा हैं। शीत ऋतु बहुत शुष्क मौसम हैं। पेड़ों से पत्ते गिरने लगते हैं। फिर भी इस मौसम में बहुत तरह के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं।  विभिन्न प्रकार की हरी साग सब्जियां आती हैं। 

स्वास्थ्यवर्धक और पसंदीदा फलों संतरा, अमरूद, चीकू, पपीता, आंवला, गाजर, अंगूर आदि का मौसम है। वैसे सर्दियों को खाने पीने का मौसम कहा जाता हैं। क्योंकि खाने पीने का मज़ा सर्दियों में ही हैं।

दीवाली, क्रिसमस, नव-वर्ष , लोहड़ी जैसे त्योहार इसी मौसम में आते हैं।

सर्दियों के मौसम को ठंडी हवाओं के चलने, बर्फ के गिरने, बहुत कम तापमान ,छोटे दिन, लम्बी रातें आदि विशेषताओं के द्वारा पहचाना जाता है। यह मौसम लगभग तीन महीने का होता है, जो दिसम्बर में शुरु होता है और मार्च में खत्म होता है। शरद ऋतु सभी के लिए बहुत ही कठिनाई वाली ऋतु है। लेकिन इस ऋतु का भी अपना अलग मज़ा हैं।

सर्दी के मौसम में सांस संबंधी बीमारियों जैसे दमा (asthma), COPD और एलर्जी आदि का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है । ऐसे में बच्चों और वृद्धों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है । 


सर्दियों के मौसम में क्या खाना चाहिए..........

सर्दियों के मौसम में कुछ निम्नलिखित आहार का सेवन करना चाहिए जो स्वस्थ के लिए अच्छा और लाभदायक हैं.........

सर्दियों के मौसम में संतरा खाए – संतरा में उच्च मात्रा में विटामिन सी होता है जो हमारे शरीर के इम्युनिटी मजबूत करता है। इम्युनिटी शरीर को संक्रमण और फ्लू से बचाव करता है। इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए आप को रोजाना एक संतरे का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा संतरे का जूस भी पी सकते है।


अनार ठंडी से बचाव करें – अनार में उच्च मात्रा में आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम व विटामिन ए होता है। जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है और एनीमिया जैसी बीमारियों को दूर करता है। अनार शरीर की कमजोरी को दूर करता है और ठंडी से बचाता है। आप अनार के जूस का भी सेवन कर सकती हैं, क्योंकि अनार बहुत सी बीमारियों के खतरे को कम कर देता हैं।


सर्दियों के मौसम में बादाम का सेवन करें – बादाम एक अच्छा सूखा मेवा है जो अच्छी मात्रा में शरीर को विटामिन और खनिज प्रदान करता है। बादाम में कुछ ऐसे यौगिक होते है जो शरीर के अंदर की कमजोरी को जड़ से ख़त्म कर देता हैं, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। रात को पानी में बादाम को भीगा कर रख दे। सुबह उठाकर भीगे हुए बादमो का सेवन करें। इस बात का ध्यान रखे एक दिन में 5 से 6 बादाम का सेवन करें। अधिक करने पर पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।

हल्दी का सेवन करे – हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होता है जो शरीर को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है। हल्दी त्वचा की समस्या को ठीक करता है इसलिए बहुत से कॉस्मेटिक हल्दी से बने होते है जो त्वचा की सुंदरता बढ़ाता है। सर्दियों के मौसम में अपने भोजन में हल्दी का उपयोग जरूर करना चाहिए, हल्दी हमे कई तरह के रोगो से बचाता है जैसे शरीर दर्द, चोट, संक्रमण आदि। सर्दियों में कच्ची हल्दी का प्रयोग स्वस्थ के लिए बहुत अच्छा रहता हैं।


अदरक की चाय पिये – अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण व एंटी सेप्टिक गुण होता है जो शरीर में कमजोरी दूर कर मजबूत करता है। अक्सर लोग ठंडी के मौसम में अदरक की चाय बड़े पैमाने पर लोग पीना पसंद करते है। भारत में युपी और बिहार में अधिक ठंडी पड़ती है जिसके कारण वहा के लोग अदरक की चाय अधिक पीते है। अदरक ठंडी से राहत पहुंचाने व शरीर में गर्माहट का एहसास देता है।


सर्दियों के मौसम में अंडे का सेवन करना चाहिए – अगर आप अंडा खाते हैं तो सर्दियों के मौसम में अंडा जरूर खाएं। अंडे प्राकृतिक रूप गर्म माने जाते है। अंडे के पिले भाग गर्म होते है इनको उबालकर ठंडी के मौसम में रोजाना खाया जाये तो ठंडी की समस्या को थोड़ा कम करता है। सर्दियों के मौसम में बड़े हो या छोटे बच्चे हो उनको अंडे का सेवन करवाना चाहिए। अंडे में अच्छी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होता है। जो आपके शरीर को मजबूत करता है। कुछ शोध के अनुसार ठंडी देश के लोग सर्दियों से राहत पाने के लिए अंडे का सेवन करना पसंद करते है।

सर्दियों के मौसम में गाजर का सेवन करना चाहिए – सर्दियों के मौसम में गाजर का उत्पादन अधिक होता है। गाजर में बहुत से विटामिन और खनिज होते है जो शरीर की कमजोरी को दूर करते है से लड़ने की शक्ति को मजबूत करता है। गाजर का उपयोग आप सुप, सब्जी, सलाद, व गाजर का रस आदि का सेवन कर सकते है।

दूसरे मौसम की तुलना में सर्दियों का मौसम अच्छा माना जाता है । लेकिन यह अच्छा हो सकता है जब हम अपने स्वस्थ का ध्यान रखें। इन टिप्स के साथ स्वस्थ का ख्याल रखें और सर्दियों के मौसम का मज़ा लें।


Take Care And Stay Safe

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Tuesday, 16 November 2021

Women's Health

Women's Health


आज के समय में महिलाएं घर ही नहीं बाहर जाकर पुरुषों के साथ कन्थे से कन्था मिलाकर काम करती हैं। और इस भाग दौर की जिंदगी में अपना ध्यान भी रखना उतना ही जरूरी हैं ।

यदि शरीर की रोग प्रतिरोधंक क्षमता कम हो जाये, तो विभिन्न प्रकार के रोग हमें घेर लेते है. निरोगी जीवन जीने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरुरी है. योगाभ्यास और प्राणायाम जहाँ शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है ही.
वहीँ उचित और संतुलित आहार भी इम्युनिटी को बढ़ने में सहायक होता हैं। महिलाओं की जान अपने परिवार में बसती हैं। और अपने परिवार का ध्यान तभी रख पाएगी जब ख़ुद का ध्यान रखेंगी।
तो आज हम अपने ब्लॉग में हेल्थ टिप्स की बात करेंगें और जनेंगें हम अपनी इम्यूनिटी को कैसे बढ़ा सकते हैं ।

*****बेस्ट हेल्थ टिप्स

1..... ठीक मात्रा में पानी पिये🥤
हमारा शरीर में 70% पानी होता हैं।
शरीर में पानी की मात्रा को ठीक रखने के लिए दिन में 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए ।

2..... फलों का जूस पिया🍹🍹
फलों का जूस पिए, नारियल पानी पिये। नारियल पानी के सेवन से इम्यूनिटी सिस्टम सही रहता हैं।

3..... मोसमी फल व सब्जी का प्रयोग करें
इम्यूनिटी सिस्टम को सही रखने के लिए मोसमी फल व सब्जी का सेवन करें।

4..... अधिक से अधिक खाने में हरी साग, सब्जियों का प्रयोग करें।

5..... अपनी डाइट में विटामिन प्रोटीन का यूज करें।



6..... हेल्थी ब्रेक फास्ट लें । ब्रेक फास्ट करना ना भूलें। अपने दिन की शुरुआत प्रोटीन और फाइबर से करें।

7..... अपनी डाइट में सूखे मेवों को शामिल करें।

8..... सेब फलों में सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इसलिए डॉक्टर हमें एक सेब रोज़ खाने की सलाह  देते हैं, जो महिलाएं रोजाना एक सेब खाती हैं उनका इम्यूनिटी सिस्टम बढ़िया रहता है । सेब में मौजूद विटामिन और पोषक तत्व हर तरह की बीमारी के लिए फायदेमंद है, सेब खाने से महिलाओं में खून की कमी को बढ़ाता है वहीं ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करता है ।


9...... ज्यादातर महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी होती है, इसलिए महिलाओं को अपने खाने में पोष्टिक चीजों को जोड़ना चाहिए । अनार को डाइट में शामिल करने से कई फायदे हो सकते हैं । अनार, पालक जैसी फल सब्जियों को डाइट में शामिल करें इनमें आयरन की अधिक मात्रा होती है ।


10..... डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स का यूज कम करें।

11..... दिन भर में कुछ कुछ खाते रहें, खाने के बीच लंबा गेप नहीं होना चाहिए।

12..... हम हाउस वाइफ दूसरों के लिए घर के लिए हमेशा सोचती है। हमेशा ध्यान रखती हैं। थोड़ा टाइम अपने लिए भी निकालना चाहिए। 

13..... समय समय पर डॉक्टर के पास जाए,
अपना रूटीन चेकअप जरूर करवाती रहें।


14..... स्ट्रेस को कम करें
यदि आप तनाव या स्ट्रेस लेती हैं, तो स्वस्थ पर बुरा असर पड़ता हैं। इससे भाग नहीं सकते। लेकिन इन सबको दूर जरूर कर सकती हैं..…..

गहरी साँस लेना

ध्यान

योग और योगासन


व्यायाम

मालिश

पौष्टिक भोजन

15..... डाइटिंग बन्द कर दें। डाइटिंग से कुछ नहीं होता। हेल्थी फ़ूड खाए। ओवरइटिंग, जंक फ़ूड का यूज कम कर दें।

16..... खुश रहें। फैमिली, दोस्तों के साथ व्यतित किया हुआ समय बहुत ही खुशनुमा और मजेदार होता है। जिससे आपका मन प्रसन्न होता है। और एक प्रसन्न मन ही एक हेल्थी लाइफ की नीवं है।


17..... दोस्तों के साथ अपनी सबसे पसंदीदा हॉबी को एन्जॉय करे । क्योंकि हॉबी को आप मन से एन्जॉय करेंगे।


18..... व्यस्त रहें, मस्त रहें
“सौ बात एक बात” हम जितना अधिक अपने कार्यो , परिवार ,मित्रोँ, और अपनी रूचि को समय देंगे उतना अधिक हम शारीरिक और मानसिक रूप स्वस्थ रह पायेंगे |

इन सभी आसान हेल्थ टिप्स को अपनाकर एक महिला अपने आपको स्वस्थ रख सकती है। 




Thanks for reading.

Take Care And Stay Safe.






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